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मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज, कई दिग्गज नेता लाइन में

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार को करीब डेढ़ वर्ष का समय हो चुका है, लेकिन अब तक न तो राजनीतिक नियुक्तियां की गई हैं और न ही मंत्रिमंडल विस्तार की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया गया है। हालांकि अब राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि मंत्रिमंडल में जल्द ही बदलाव हो सकते हैं और कुछ पुराने चेहरों की वापसी भी संभव है।

सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चल रही हलचल का असर मध्यप्रदेश की राजनीति पर भी पड़ता दिख रहा है। ऐसे में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने मंत्रियों के प्रदर्शन का आंकलन कर सकते हैं और उसी के आधार पर कैबिनेट का पुनर्गठन किया जा सकता है।

क्षेत्रीय संतुलन बनाना प्राथमिकता

सरकार की प्राथमिकता क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन साधना भी है। इसी के मद्देनजर कुछ वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों को फिर से जिम्मेदारी दी जा सकती है। इनमें पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, जयंत मलैया, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, हरिशंकर खटीक और संजय पाठक के नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं। वहीं कांग्रेस से भाजपा में आए अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह भी मंत्रिमंडल में स्थान पाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

मंत्रिमंडल में अभी भी रिक्तियां मौजूद

फिलहाल मुख्यमंत्री समेत कुल 31 मंत्री मोहन यादव की कैबिनेट में शामिल हैं, जबकि नियमों के अनुसार अधिकतम 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं। ऐसे में चार स्थान अभी भी रिक्त हैं, जिन्हें जल्द भरा जा सकता है। इसके साथ ही कुछ मौजूदा मंत्रियों को उनके कमजोर प्रदर्शन के चलते बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है।

राजनीतिक नियुक्तियों पर भी चर्चा जारी

भाजपा संगठन स्तर पर भी राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कई दौर की चर्चा हो चुकी है। पार्टी कुछ पूर्व विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को निगम-मंडलों में स्थान देकर सक्रिय भूमिका सौंप सकती है। अभी इन नेताओं के पास कोई विशेष जिम्मेदारी नहीं है।

जयंत मलैया को मिल सकती है वित्त आयोग की कमान

पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को लेकर खबर है कि उन्हें छठवें राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। वर्तमान में पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशें अप्रैल 2026 तक लागू हैं, लेकिन अगली योजना पर तैयारी पहले से शुरू की जा रही है।

कौन-कौन हैं दावेदारों की दौड़ में?
  • गोपाल भार्गव: बुंदेलखंड के दिग्गज नेता, नौ बार विधायक और तीन मुख्यमंत्रियों की सरकारों में मंत्री रह चुके हैं।

  • भूपेंद्र सिंह: पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहे। शिवराज सरकार में आठ वर्षों तक मंत्री पद संभाला।

  • जयंत मलैया: आठ बार विधायक, वित्त, वाणिज्यिक कर और जल संसाधन जैसे अहम विभागों का अनुभव।

  • ब्रजेंद्र प्रताप सिंह: पांच बार विधायक, दो बार मंत्री का कार्यकाल।

  • हरिशंकर खटीक: चार बार विधायक, अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री।

  • संजय पाठक: युवा नेतृत्व के रूप में उभरते नेता, सरकार और संगठन में अच्छी पकड़।

क्या मानसून सत्र से पहले होगा विस्तार?

बताया जा रहा है कि फिलहाल भाजपा की प्राथमिकता नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति है, और उसके बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। संभावना है कि विधानसभा के मानसून सत्र से पहले यह कवायद पूरी कर ली जाएगी।