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बदलते बस्तर की नई कहानी: हिड़मा के गाँव पूवर्ती के माडवी अर्जुन ने नवोदय में चयन पाकर रचा इतिहास

रायपुर, 17 जुलाई 2025/ नक्सलवाद से लंबे समय तक प्रभावित बस्तर अंचल में एक नया सूरज उग रहा है,  यह उम्मीद, यह प्रेरणा, यह बदलाव का प्रतीक बनकर उभरा है माडवी अर्जुन। सुकमा जिले के अतिदुर्गम और माओवादी हिंसा से दशकों से जूझते रहे पूवर्ती गांव के इस बालक ने जवाहर नवोदय विद्यालय, पेंटा (दोरनापाल) की छठवीं कक्षा में चयनित होकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह केवल एक बच्चे की सफलता नहीं, बल्कि उस परिवर्तन का प्रमाण है जो अब बस्तर की धरती पर आकार लेने लगा है।

अर्जुन का गांव पूवर्ती, कभी नक्सलियों के कमांडर हिड़मा का गढ़ रहा है। यह वही स्थान है जहां कभी माओवादी जन अदालतें लगती थीं, आतंक के साए में ग्रामीणों का भाग्य तय होता था। लेकिन अब वहीं पूवर्ती गांव विकास की नई सुबह देख रहा है। माडवी अर्जुन की सफलता इस बदलाव की एक उज्जवल झलक है, जिसने यह साबित कर दिया कि अगर संकल्प हो, मार्गदर्शन और अवसर मिलें, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।

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अर्जुन वर्तमान में सिलगेर के बालक आश्रम में पढ़ाई कर रहा था। उसका घर आज भी बेहद साधारण है, न बिजली, न पक्की छत। माता-पिता खेती और मजदूरी से गुज़ारा करते हैं। लेकिन इन विषम परिस्थितियों को पीछे छोड़कर अर्जुन ने जिस तरह से यह मुकाम हासिल किया, वह सराहनीय है। इस उपलब्धि में आश्रम के शिक्षकों की मेहनत और समर्पण भी शामिल है, जिन्होंने उसे न केवल पढ़ाया, बल्कि सपने देखने की ताकत दी।

बीते डेढ़ वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित नक्सल उन्मूलन अभियान ने बस्तर के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों में बदलाव की नींव रखी है। पूवर्ती जैसे गांव, जहां पहले सड़कें, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं थीं, अब वहां बदलाव की बयार बह रही है। नई सड़कें बन रही हैं, सुरक्षा बलों के कैंप स्थापित हुए हैं, गुरुकुल विद्यालय शुरू हुए हैं, और स्वास्थ्य सेवाओं व उचित मूल्य दुकानों ने आम जनजीवन को राहत दी है।

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पूवर्ती में सुरक्षा बलों की देखरेख में संचालित गुरुकुल अब बच्चों को न केवल शिक्षा बल्कि सुरक्षित और प्रेरणादायक वातावरण भी प्रदान कर रहा है। माडवी अर्जुन की सफलता इस प्रयास की पहली बड़ी उपलब्धि बनकर सामने आई है।

सुकमा के कलेक्टर देवेश ध्रुव ने कहा कि पूवर्ती जैसे दुर्गम और माओवादी प्रभाव वाले क्षेत्र से किसी छात्र का नवोदय विद्यालय में चयनित होना, अर्जुन की मेहनत का परिणाम है, लेकिन साथ ही यह शिक्षा व्यवस्था में आ रहे सकारात्मक परिवर्तन का प्रमाण भी है। “हम हर बच्चे को आगे बढ़ने का मौका देना चाहते हैं,” उन्होंने कहा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माडवी अर्जुन को बधाई देते हुए कहा कि “यह केवल एक छात्र की सफलता नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की बदलती तस्वीर का प्रतीक है। पूवर्ती से नवोदय विद्यालय तक का सफर यह दर्शाता है कि हमने शिक्षा, सुरक्षा और विकास का जो बीज बोया था, वह अब फल देने लगा है। अर्जुन को मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं। आने वाले समय में पूवर्ती जैसे गांवों से हजारों अर्जुन निकलेंगे और राज्य के भविष्य को संवारेंगे। राज्य सरकार हर बच्चे के सपनों को पंख देने के लिए प्रतिबद्ध है।”

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माडवी अर्जुन की यह यात्रा केवल एक विद्यार्थी की कहानी नहीं है, यह उस सामाजिक और मानसिक परिवर्तन की दास्तान है जिसे बस्तर जी रहा है। कभी खौफ और हिंसा के लिए पहचाने जाने वाले गांव अब शिक्षा की लौ से रोशन हो रहे हैं। नक्सलवाद की दीवारें अब धीरे-धीरे दरक रही हैं, और परिवर्तन की आवाज़ बस्तर के हर कोने में गूंजने लगी है।