futuredअपराध

लखनऊ के नामचीन मॉल में महिला कर्मचारी के साथ हैवानियत

लखनऊ, 10 जुलाई 2025: राजधानी लखनऊ के एक नामी मॉल में कार्यरत 25 वर्षीय युवती के साथ हुए दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और शारीरिक शोषण के सनसनीखेज मामले ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। पीड़िता, जो सुल्तानपुर की रहने वाली है, ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए अपने कैश सुपरवाइज़र मोहम्मद फरहाज उर्फ फराज पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पीड़िता के अनुसार, फराज ने महीनों पहले उसे अपने घर बुलाया था, जहाँ उसने उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। जब वह बेहोश हो गई, तो फराज ने उसके साथ दुष्कर्म किया और पूरी घटना का वीडियो बना लिया। होश में आने पर जब पीड़िता को इसकी जानकारी हुई और उसने विरोध किया, तो फराज ने उसकी पिटाई की और सिगरेट से जलाया।

पीड़िता का कहना है कि वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर फराज ने उसका लगातार यौन शोषण किया। उसने पीड़िता से नगदी, जेवर और अन्य सामान भी जबरन हड़प लिया। आरोपी उसे कभी अपने घर, तो कभी शहर के होटलों में बुलाकर दबाव बनाकर उसका शोषण करता रहा। जब-जब पीड़िता ने विरोध करने की कोशिश की, उसे मारपीट कर चुप करा दिया गया।

See also  छत्तीसगढ़ पर्यटन को मिला राष्ट्रीय मंच पर विशेष सम्मान, कोलकाता में TTF में शानदार उपस्थिति

पीड़िता ने बताया कि लोकलाज और समाज में बदनामी के डर से वह लंबे समय तक चुप रही। लेकिन जब फराज की हिंसा और प्रताड़ना की हदें पार होने लगीं — मानसिक रूप से टूट चुकी युवती ने आखिरकार साहस जुटाया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पीड़िता का यह भी कहना है कि जब उसने आरोपी को पुलिस में शिकायत करने की चेतावनी दी, तो फराज ने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। उसने कहा कि यदि उसने आवाज उठाई, तो वह वीडियो वायरल कर देगा और पूरे परिवार को समाज में बदनाम कर देगा। इस मानसिक दबाव के चलते युवती लगातार भय और तनाव में जी रही थी।

पीड़िता की शिकायत पर सक्रिय हुई पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी फराज को गिरफ्तार कर लिया है। वह अयोध्या जिले के रामनगर क्षेत्र के घोसियाना पहाड़गंज का रहने वाला है। सुशांत गोल्फ सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह ने पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं — दुष्कर्म, मारपीट, धमकी, ब्लैकमेलिंग, और महिलाओं के प्रति अपराधों से संबंधित विशेष कानूनों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

See also  मोबाइल यूज़र्स को फिर लगेगा झटका, रिचार्ज प्लान होंगे और महंगे

इस घटना ने मॉल में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह एक बार फिर उजागर करता है कि बड़े-बड़े वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में महिला सुरक्षा के दावे कितने खोखले हो सकते हैं। महिला कर्मचारियों के लिए न तो कोई प्रभावी शिकायत तंत्र है, न ही कोई आंतरिक सुरक्षा प्रणाली जो ऐसे मामलों को रोक सके।

मॉल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, जिससे आम जनता और कर्मचारियों में आक्रोश देखा जा रहा है। यह अपेक्षित है कि प्रबंधन इस घटना पर संज्ञान ले और महिला कर्मचारियों के लिए सख्त आंतरिक सुरक्षा दिशानिर्देश लागू करे।

यह घटना भले ही भयावह हो, लेकिन पीड़िता द्वारा उठाया गया यह साहसी कदम हजारों महिलाओं को प्रेरणा दे सकता है जो आज भी भय और बदनामी के डर से चुप हैं। अब आवश्यकता है कि प्रशासन, न्यायपालिका, मीडिया और समाज एकजुट होकर पीड़िता को न्याय दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

See also  रेडी टू ईट योजना का पुनः शुभारंभ, रायगढ़ से शुरू हुई महिला स्व-सहायता समूहों की नई उड़ान

इस शर्मनाक घटना ने समाज, कानून और संस्थानों को आईना दिखाया है। कार्यस्थलों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाना सिर्फ कानून की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक सामाजिक दायित्व भी है। पीड़िता को न्याय दिलाने के साथ ही यह आवश्यक है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए कठोर कानूनों के साथ संवेदनशीलता और जवाबदेही की व्यवस्था भी हो।