लाल किला ब्लास्ट: संदिग्ध डॉक्टर उमर नबी भट की डीएनए रिपोर्ट से हुई पहचान, जांच में नए खुलासे
सोमवार शाम लाल किला के पास हुए भीषण विस्फोट में नौ लोगों की मौत और कई घायल होने के मामले में एक अहम सुराग हाथ लगा है। सूत्रों के अनुसार, विस्फोट में शामिल बताये जा रहे डॉक्टर उमर नबी भट की डीएनए रिपोर्ट उनकी मां के सैंपल से मेल खा गई है।
जानकारी के मुताबिक, भट की मां से डीएनए सैंपल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में लिया गया था और उसे दिल्ली लाकर लोक नायक अस्पताल में रखे गए अज्ञात शवों से मिलान कराया गया। एम्स (AIIMS) के फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि दोनों सैंपल्स में मेल पाया गया है। हालांकि, जांच एजेंसियां अभी और तकनीकी पहलुओं की पुष्टि कर रही हैं।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि डॉ. उमर नबी भट, हाल ही में पकड़े गए “व्हाइट कॉलर ग्रुप” के नेताओं में से एक था। यह समूह कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGH) जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुछ दिन पहले ही इस अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया था और सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया था।
इस बीच, हरियाणा पुलिस ने बुधवार को फरीदाबाद के पास खंडावली गांव स्थित एक फार्महाउस से एक लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट बरामद की है, जो डॉ. भट की बताई जा रही है। फोरेंसिक टीम ने गाड़ी की बारीकी से तलाशी ली है। यह वाहन भट के एक मित्र के फार्महाउस से मिला है, जिसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
डॉ. भट अल फला यूनिवर्सिटी, धौज (फरीदाबाद) के स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर में कार्यरत था। उसके दो सहयोगी — डॉ. मुझमिल शकील गनई (पुलवामा) और डॉ. शाहीन शाहिद अंसारी (लखनऊ) — को पुलिस ने विस्फोट से कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस का मानना है कि डॉ. भट इस मॉड्यूल का “मास्टरमाइंड” था, जो बाकियों को दिशा देने और प्रोत्साहित करने का काम कर रहा था।

