कोठागुडेम–किरंदुल रेललाइन सर्वे को मिली रफ्तार:लिडार तकनीक से हो रहा सर्वे
रायपुर, 26 जून 2025/ देश के सबसे संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से एक — बस्तर अंचल — में विकास की गाड़ी अब रफ्तार पकड़ने लगी है। कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल (छत्तीसगढ़) तक प्रस्तावित 160.33 किमी लंबी नई रेललाइन परियोजना के फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) को केंद्र सरकार की स्वीकृति मिल चुकी है और सर्वे कार्य अब अंतिम चरण में है।
इस प्रस्तावित रेललाइन का 138.51 किमी हिस्सा छत्तीसगढ़ के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों से होकर गुजरेगा। ये वे क्षेत्र हैं जो अब तक रेल कनेक्टिविटी से वंचित रहे हैं। रेलमार्ग न केवल आवागमन को सुगम बनाएगा, बल्कि इन जिलों के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।
रेलवे विभाग द्वारा अत्याधुनिक लिडार तकनीक की सहायता से सर्वे किया जा रहा है। इस परियोजना की निगरानी गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की जा रही है, जो इसे आंतरिक सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास दोनों दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण मानता है।
भारतीय रेल ने इस महत्त्वपूर्ण कार्य में सहयोग और समन्वय के लिए छत्तीसगढ़ सरकार एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति विशेष आभार जताया है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में यह कार्य फिर से गति पकड़ सका है।
यह रेलमार्ग भविष्य में बस्तर अंचल के लिए सुरक्षा, समावेशन और समृद्धि का प्रतीक बनेगा — एक ऐसा बुनियादी ढांचा जो विकास की नई पटरी पर बस्तर को आगे ले जाएगा।