खरोरा में आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम: बालिकाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर सशक्त कदम
खरोरा। महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीएम श्री भरत देवांगन शासकीय उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय, खरोरा में कराटे आधारित आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन जारी है। यह प्रशिक्षण प्रतिदिन प्रातः 8:30 बजे से शुरू होता है, जिसमें छात्राओं सहित अन्य विद्यार्थियों को भी आत्मरक्षा की तकनीकी और व्यावहारिक जानकारी दी जा रही है।
इस प्रशिक्षण का मार्गदर्शन प्रदेश की प्रसिद्ध कराटे प्रशिक्षिकाएँ प्रियंका डहरिया और कल्पना गेन्द्रे द्वारा किया जा रहा है। दोनों प्रशिक्षिकाओं का मार्शल आर्ट के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान रहा है और वे लंबे समय से महिलाओं एवं बालिकाओं को आत्मरक्षा में प्रशिक्षित कर रही हैं।
प्रियंका डहरिया, राष्ट्रीय स्तर की पदक विजेता कराटे कोच हैं, जो विशेष रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका प्रशिक्षण तकनीक, अनुशासन और आत्मविश्वास का अद्वितीय संयोजन प्रस्तुत करता है।
वहीं कल्पना गेन्द्रे भी राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुकी हैं। वे प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं को शारीरिक सुरक्षा के साथ-साथ मानसिक सुदृढ़ता और आपातकालीन परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता भी प्रदान कर रही हैं।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कराटे की मौलिक एवं उन्नत तकनीकों के साथ-साथ आत्मरक्षा से जुड़े कानूनी अधिकारों की जानकारी भी देता है, जिससे बालिकाओं के आत्मविश्वास और मानसिक दृढ़ता में निरंतर वृद्धि हो रही है।
प्रशिक्षिका प्रियंका डहरिया ने बताया कि इस कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय स्टाफ का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। स्कूल प्रशासन ने प्रशिक्षण के लिए एक अनुशासित एवं प्रेरणादायक वातावरण उपलब्ध कराया है, जिससे सीखने की प्रक्रिया और अधिक प्रभावी बनी है।
इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण ने विद्यालय के वातावरण में नई ऊर्जा का संचार किया है। छात्राएं पहले की तुलना में अधिक आत्मविश्वासी, सतर्क और सजग दिखाई दे रही हैं। यह कार्यक्रम बालिकाओं को न केवल सुरक्षा का एहसास दे रहा है, बल्कि उन्हें जीवन की चुनौतियों से जूझने का साहस भी प्रदान कर रहा है।
विद्यालय प्रबंधन, अभिभावकगण और स्थानीय समाज इस पहल की सराहना कर रहे हैं तथा यह मांग कर रहे हैं कि इस प्रकार के आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश के अन्य विद्यालयों में भी नियमित रूप से संचालित किए जाएं।
“आज की सशक्त बालिका ही कल का सुरक्षित समाज रचेगी।”
यह आत्मरक्षा प्रशिक्षण इसी विचार को धरातल पर साकार कर रहा है।
