futuredखबर राज्यों से

तुलबुल परियोजना पर उमर अब्दुल्ला के बयान को PDP ने बताया ‘गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक’, IWT पर टिप्पणी को लेकर जताई चिंता

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा तुलबुल नौवहन परियोजना को दोबारा शुरू करने और सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty – IWT) को खत्म करने की वकालत करने पर विपक्षी पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने शनिवार को तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने मुख्यमंत्री के बयान को “खतरनाक और अल्पदृष्टि वाला” बताते हुए कहा कि ऐसे समय में इस तरह की टिप्पणियाँ बेहद गैर-जिम्मेदाराना हैं, जब सीमा पर हालात संवेदनशील बने हुए हैं।

PDP ने अपने बयान में कहा, “जब संघर्षविराम बड़ी मुश्किल से बना हुआ है और क्षेत्र में शांति की स्थिति बेहद नाजुक है, तब इस तरह की उकसाऊ बातें तनाव को और बढ़ाने का काम करती हैं। यह न सिर्फ समय की नज़ाकत के खिलाफ है, बल्कि इससे सीमा पर रहने वाले लोगों की ज़िंदगी और अधिक जोखिम में पड़ सकती है।”

IWT पर रुख साफ, लेकिन युद्ध की भाषा नहीं
PDP ने दो टूक कहा कि वह जम्मू-कश्मीर को सिंधु जल संधि के तहत उचित मुआवज़ा मिलने की मांग पर कायम है, लेकिन इस संधि को युद्ध की भाषा में भुनाने का वह विरोध करती है। “हमने कभी यह नहीं कहा कि संधि को रद्द किया जाए। बल्कि हमारा हमेशा से यही मानना रहा है कि बातचीत, कूटनीति और शांति ही आगे का रास्ता है,” पार्टी ने स्पष्ट किया।

See also  बलौदाबाजार के सुढ़ेली गांव में आबकारी विभाग की कार्रवाई, 24 लीटर महुआ शराब और 400 किलोग्राम लाहन जब्त

PDP ने यह भी स्पष्ट किया कि 2002 में जिस प्रस्ताव के ज़रिये सिंधु जल संधि पर सवाल उठाया गया था, वह PDP का नहीं था। “यह प्रस्ताव नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक एमएलसी द्वारा लाया गया था और वह इसलिए पारित हुआ क्योंकि उस समय ऊपरी सदन में एनसी को बहुमत प्राप्त था,” पार्टी ने याद दिलाया।

तुलबुल परियोजना पर भी जताई आपत्ति
पार्टी ने चेतावनी दी कि विवादित मुद्दों को दोबारा उछालने से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और बिगड़ सकते हैं। “तुलबुल जैसी परियोजनाओं को मौजूदा संवेदनशील हालात में फिर से उठाना दोनों देशों को टकराव की ओर धकेल सकता है। इस तरह की बयानबाज़ी जम्मू-कश्मीर की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकती है,” PDP ने कहा।

‘कश्मीर को बार-बार बलि का बकरा न बनाएं’
PDP ने यह भी कहा कि हर बार जब तनाव बढ़ता है, तो सबसे अधिक नुकसान कश्मीर को उठाना पड़ता है। “हम एक ऐसे भविष्य की मांग करते हैं जहाँ कश्मीर को सीमा पार गोलाबारी, ड्रोन हमलों और सैन्य टकरावों की कीमत न चुकानी पड़े,” पार्टी ने कहा।

See also  हरेली पर्व की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी शुभकामनाएं, वृक्षारोपण का दिया संदेश

गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में वुलर झील के पास स्थित तुलबुल परियोजना को फिर से शुरू करने की बात कही थी। यह परियोजना वर्ष 1987 में पाकिस्तान के विरोध के कारण रोक दी गई थी, जब उसने इसे सिंधु जल संधि का उल्लंघन बताया था।