कश्मीर को “जिगुलर वेन” बताने पर भारत का पलटवार: विदेश मंत्रालय ने कहा, “अवैध कब्जा खाली करे पाकिस्तान”
पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा कश्मीर को पाकिस्तान की “जिगुलर वेन” (जीवन रेखा) कहे जाने पर भारत ने कड़ा प्रतिरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान से उसका एकमात्र संबंध सिर्फ उस हिस्से को खाली कराने से है, जिस पर उसने अवैध कब्जा कर रखा है।
गुरुवार को नियमित प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा,
“कोई विदेशी चीज किसी की जिगुलर वेन कैसे हो सकती है? यह भारत का केंद्रशासित प्रदेश है। पाकिस्तान के साथ इसका सिर्फ एक ही संबंध है – उसके अवैध कब्जे वाले हिस्से को खाली कराना।”
पाक सेना प्रमुख ने दो-राष्ट्र सिद्धांत को फिर दोहराया
जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में प्रवासी पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए कश्मीर पर पाकिस्तान के पुराने रुख को दोहराया और 1947 में विभाजन के आधार बने विवादित ‘दो-राष्ट्र सिद्धांत’ का समर्थन किया। उन्होंने कहा,
“कश्मीर हमारी जिगुलर वेन था, है और रहेगा। हम अपने कश्मीरी भाइयों की बहादुरी भरी लड़ाई को नहीं भूलेंगे।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान एक “श्रेष्ठ विचारधारा और संस्कृति” पर आधारित देश है और प्रवासी पाकिस्तानियों से आग्रह किया कि वे पाकिस्तान के निर्माण की कहानी अगली पीढ़ियों तक पहुंचाएं, जो इस सोच पर आधारित थी कि हिन्दू और मुस्लिम धर्म, परंपराएं और लक्ष्य में पूरी तरह भिन्न हैं।
मुंबई हमलों के आरोपी की प्रत्यर्पण पर भी भारत का तंज
प्रवक्ता जायसवाल ने 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा,
“पाकिस्तान चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में उसकी छवि मिट नहीं सकती। तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण पाकिस्तान को याद दिलाता है कि उसे उन अन्य दोषियों को भी न्याय के कटघरे में लाना चाहिए, जिन्हें वह अब भी पनाह दे रहा है।”
भारत का रुख साफ: कश्मीर भारत का था, है और रहेगा
भारत बार-बार यह दोहराता आया है कि जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न अंग है और पाकिस्तान द्वारा इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाना सिर्फ एक भ्रामक और राजनीतिक चाल है। विदेश मंत्रालय के इस बयान ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि भारत किसी भी भ्रामक दावे को स्वीकार नहीं करेगा और जरूरत पड़ने पर कड़ा जवाब देने से भी पीछे नहीं हटेगा।