futuredछत्तीसगढताजा खबरें

कलाकारों-साहित्यकारों को मिला सम्मान, मासिक पेंशन अब 5000 रुपये: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के कलाकारों और साहित्यकारों के हित में एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों और साहित्यकारों को दी जाने वाली मासिक पेंशन राशि को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि कला और साहित्य हमारे समाज की चेतना के वाहक हैं। जिन लोगों ने अपना जीवन रचनात्मक साधना में समर्पित कर दिया, उन्हें सम्मान और सहयोग देना हमारी जिम्मेदारी है। यह निर्णय केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि एक संवेदनशील सरकार की ओर से उनके प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता का प्रतीक है।

लंबे समय बाद बढ़ी राशि, 162 हितग्राहियों को मिलेगा लाभ
यह वित्तीय सहायता संस्कृति विभाग द्वारा संचालित “वित्तीय सहायता योजना नियम-1986” के अंतर्गत दी जाती है। इस योजना की शुरुआत में मात्र 150 से 600 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाती थी, जिसे समय-समय पर बढ़ाया गया। 2012 में यह राशि 2000 रुपये हुई थी, लेकिन बीते 12 वर्षों से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था।

See also  प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को नई उड़ान: सरकार ने 1009 नए पदों की दी स्वीकृति, युवाओं को मिलेगा रोजगार का अवसर

अब इस निर्णय के बाद राज्य के 162 पात्र कलाकारों और साहित्यकारों को प्रतिवर्ष 60 हजार रुपये की सहायता प्राप्त होगी। पहले यह राशि 24 हजार रुपये सालाना थी। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि उन्हें अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी करने में भी राहत मिलेगी।

राज्य पर बढ़ेगा व्यय, लेकिन सरकार ने बताया “सम्मानजनक दायित्व”
इस संशोधन से राज्य सरकार पर अतिरिक्त 58.32 लाख रुपये का वार्षिक भार आएगा। अब कुल व्यय 97.20 लाख रुपये प्रतिवर्ष होगा, जबकि पूर्व में यह 38.88 लाख रुपये था। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह व्यय भार सरकार के लिए एक “गौरवपूर्ण दायित्व” है, जिसे पूरी निष्ठा से वहन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री साय ने कहा, “जो लोग कला, साहित्य और संस्कृति को जीवित रखने के लिए वर्षों तक संघर्ष करते रहे, उनके आत्मसम्मान की रक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। यह फैसला एक संवेदनशील, समावेशी और मूल्यनिष्ठ शासन प्रणाली का प्रतीक है।”

See also  इतनी बड़ी वोटिंग बिहार में कभी नहीं हुई! प्रशांत किशोर ने बताया कौन है इस बार का ‘X फैक्टर

कलाकारों को मिलेगा आत्मबल और सामाजिक पहचान
सरकार के इस फैसले से न केवल हितग्राहियों को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि उन्हें समाज में नई पहचान और आत्मबल भी प्राप्त होगा। यह निर्णय दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने सांस्कृतिक धरोहरों और उन्हें संजोने वालों को केवल याद नहीं करती, बल्कि उन्हें ससम्मान सहारा भी देती है।