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मुख्यमंत्री की पहल से जशपुर में एनसीसी एयर स्क्वाड्रन ऐतिहासिक शुरुआत

रायपुर, 25 जुलाई 2025/ छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के युवाओं के लिए अब भारतीय वायुसेना में करियर बनाने के सपने को साकार करने का मार्ग और सुलभ हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सतत प्रयासों से जिले के पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय में एनसीसी की एयर स्क्वाड्रन स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है। यह छत्तीसगढ़ की तीसरी ‘3 सीजी एनसीसी एयर स्क्वाड्रन’ है, जो युवाओं को वायुसेना संबंधी प्रशिक्षण और करियर के अनूठे अवसर प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने विद्यालय में एयर एनसीसी के लिए चयनित 25 मेधावी विद्यार्थियों को स्वयं कैडेट बैच लगाकर पंजीयन प्रक्रिया का शुभारंभ किया। इन विद्यार्थियों में 13 बालिकाएं और 12 बालक शामिल हैं। उन्होंने सभी कैडेट्स के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर विंग कमांडर विवेक कुमार साहू ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। समारोह में विधायक गोमती साय और रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत, उपाध्यक्ष यश प्रताप सिंह जूदेव, जिला पंचायत उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव सहित कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी और शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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रंग लाई मुख्यमंत्री की दूरदृष्टि, जशपुर में शुरू हुई एयर स्कवाड्रन

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पिछले एनसीसी दिवस समारोह के दौरान यह इच्छा व्यक्त की थी कि रायपुर के अतिरिक्त अन्य हवाई पट्टियों वाले शहरों में भी एयर स्क्वाड्रन की शुरुआत की जानी चाहिए। वर्तमान में केवल रायपुर में ही एनसीसी एयर विंग और उड़ान प्रशिक्षण की सुविधा थी, जबकि जशपुर, अंबिकापुर, बिलासपुर और जगदलपुर में भी हवाई पट्टियाँ मौजूद हैं।

मुख्यमंत्री की इस पहल को मार्च माह में केंद्र सरकार से मंजूरी मिली और जशपुर की आगडीह हवाई पट्टी को 3 सीजी एनसीसी एयर स्क्वाड्रन के लिए स्वीकृत कर एक माइक्रोलाइट विमान प्रशिक्षण हेतु भेजा गया। इस दौरान लगभग 100 एनसीसी कैडेट्स को वास्तविक उड़ान का अनुभव भी प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री ने स्वयं हवाई पट्टी पर पहुँचकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का निरीक्षण किया और कैडेट्स से तकनीकी जानकारियों पर चर्चा की।

प्रशिक्षण से करियर के बेहतर अवसर

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3 सीजी एयर एनसीसी एयर स्क्वाड्रन पूरे देश में एकमात्र ऐसी यूनिट है जिसमें एम्स, एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्र कैडेट के रूप में सम्मिलित हैं। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कैडेट्स को भारतीय सेना में यूपीएससी और एसएसबी साक्षात्कार के माध्यम से 25 वैकेंसी/पाठ्यक्रमों में प्रवेश का अवसर मिलता है। इसके अतिरिक्त, एसएससी के माध्यम से ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी के लिए 50 वैकेंसी उपलब्ध रहती हैं, जिसके लिए यूपीएससी की आवश्यकता नहीं होती — केवल एसएसबी साक्षात्कार के माध्यम से चयन संभव होता है। इनमें 20 सीटें विशेष रूप से बालिकाओं के लिए आरक्षित होती हैं।

इसके अलावा वायु सेना के विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी एनसीसी कैडेट्स को 10% आरक्षण मिलता है। एएफसीएटी या यूपीएससी जैसी परीक्षाओं की अनिवार्यता नहीं होती। पैरामिलिट्री बलों की भर्ती में भी 2 से 10 अंक तक के बोनस दिए जाते हैं, जबकि कई सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों में ‘सी सर्टिफिकेट’ धारकों को प्राथमिकता दी जाती है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री  साय ने पिछले एनसीसी दिवस समारोह के दौरान रायपुर के समान राज्य के अन्य हवाई पट्टी वाले शहरों में भी एनसीसी की एयर स्कवाड्रन शुरू करने की इच्छा व्यक्त की थी। अभी तक छत्तीसगढ़ में केवल रायपुर में ही एयर एनसीसी और उड़ान का प्रशिक्षण दिया जाता है, जबकि जगदलपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर और जशपुर जैसे स्थानों पर भी हवाई पट्टियों की सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री की इस पहल पर मार्च माह में जशपुर की आगडीह हवाई पट्टी को 3 सीजी एयर एनसीसी स्क्वाड्रन के लिए स्वीकृति प्रदान की गई और एक माइक्रोलाइट विमान को प्रशिक्षण हेतु जशपुर भेजा गया।

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इस दौरान लगभग 100 कैडेट्स को उड़ान का वास्तविक अनुभव प्रदान किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं हवाई पट्टी पहुंचकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का निरीक्षण किया और कैडेट्स से संवाद किया। कैडेट्स ने उन्हें विमान से संबंधित तकनीकी जानकारियाँ भी साझा कीं। इस नई पहल से न केवल जशपुर के युवाओं को नई उड़ान मिलेगी, बल्कि प्रदेश भर के विद्यार्थियों को वायुसेना में करियर बनाने की प्रेरणा भी प्राप्त होगी।