जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारी गोलाबारी, 13 की मौत, 59 घायल
जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) पर पाकिस्तान की तरफ से की गई भारी गोलाबारी में 13 लोगों की जान चली गई, जिसमें चार बच्चे और एक भारतीय सैनिक भी शामिल हैं। इस हमले में 59 अन्य लोग घायल हो गए हैं, जिनमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। गोलाबारी के जवाब में भारतीय सेना ने भी कार्रवाई की है, और इसे पाकिस्तान की ओर से किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन के बाद एक सशक्त प्रतिक्रिया बताया जा रहा है।
भारत ने पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे, जिसके बाद यह गोलाबारी शुरू हुई। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की गोलाबारी में मकान, वाहन और कई अन्य संरचनाएं, जिनमें एक गुरुद्वारा भी शामिल है, नष्ट हो गईं, और यह गोलाबारी सीमावर्ती इलाकों के निवासियों के बीच दहशत का कारण बनी।
गोलाबारी का सबसे ज्यादा असर पुंछ जिले पर पड़ा, जहां 13 लोगों की मौत हुई और 42 लोग घायल हो गए। इसके अलावा, जम्मू क्षेत्र के राजौरी और कश्मीर के बारामुला और कुपवाड़ा जिलों में भी नुकसान हुआ। इस गोलाबारी में भारतीय सेना का एक जवान भी शहीद हुआ, जिसकी पहचान लांस नायक दिनेश कुमार के रूप में हुई है। दिनेश कुमार 5 फील्ड रेजिमेंट के जवान थे और उन्होंने 7 मई को पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में अपनी जान गवा दी।
भारतीय सेना ने इस शहीदी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “व्हाइट नाइट कोर के सभी जवान लांस नायक दिनेश कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने 7 मई 2025 को पाकिस्तान की गोलाबारी में अपनी जान दी।”
गोलाबारी का असर पुंछ जिले के कई इलाकों, जैसे बालकोटे, मेंधार, मनकोटे, कृष्णा घाटी, गुलपुर, केर्नी और पुंछ जिला मुख्यालय तक फैला। इस गोलाबारी ने कई घरों और वाहनों को नुकसान पहुंचाया, जिससे लोग अपने घरों को छोड़कर भूमिगत बंकरों में शरण लेने या सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हो गए।
राजौरी जिले के उरी सेक्टर में 10 लोग घायल हुए, जबकि तीन अन्य घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि भारी गोलाबारी के कारण पुंछ बस स्टैंड को भी नुकसान हुआ, जहां कई बसों को भी क्षति पहुंची।
भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान की गोलाबारी की कड़ी निंदा की है। भारतीय सेना के अनुसार, 6-7 मई की रात को पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आर्टिलरी गोलाबारी और स्वचालित हथियारों से हमले किए।
पाकिस्तान की गोलाबारी से कई घर जल गए, खासकर कुपवाड़ा जिले के कर्नाह सेक्टर में। शहीदों और घायल हुए नागरिकों में कई निर्दोष लोग शामिल हैं, जिनमें तीन सिख श्रद्धालु भी मारे गए। श्री गुरु सिंह सभा साहिब गुरुद्वारे पर हमला किया गया, जिसमें भai अमरीक सिंह, भai अमरजीत सिंह और भai रणजीत सिंह की जान गई।
इसी बीच, भारतीय रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान के खिलाफ एक सटीक मिसाइल हमले में 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने की जानकारी दी थी। भारत ने यह सुनिश्चित किया कि उनका अभियान “मापदंडों के भीतर और बिना किसी विस्तार के” था, और इसमें पाकिस्तान के किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया।
यह घटनाएँ तब घटित हुईं जब भारत ने बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-आधारित आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे। भारतीय सेना ने यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी हमलों का समर्थन करने के खिलाफ की थी, जिसमें पिछले कुछ समय में कई हमले किए गए थे।
यह गोलाबारी और भारतीय सेना की प्रतिक्रिया दोनों ही पाकिस्तान के साथ जारी तनाव और बढ़ती असुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।