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पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम अंतरिम आदेश जारी करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी को 1 जुलाई तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया है। यह राहत उस मामले से जुड़ी है जिसमें पालनाडु जिले के रेंतपल्ला गांव में एक वृद्ध व्यक्ति सिंगैया की कथित रूप से एक रैली के दौरान वाहन से कुचलकर मौत हो गई थी।

यह आदेश न्यायमूर्ति वाई. लक्ष्मण राव की एकल पीठ ने दिया, जिन्होंने इस मामले में दर्ज प्राथमिकी (FIR) को रद्द करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले को 1 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया।

राज्य को निर्देश: कोई जबरन कार्रवाई नहीं

अदालत ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई तक कोई दमनात्मक या गिरफ्तारी संबंधी कार्रवाई न की जाए। याचिका में जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया है कि यह मुकदमा राजनीतिक द्वेष और प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है, जिसका मकसद उनकी छवि को धूमिल करना है।

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प्राथमिकी में A-2 के रूप में नामजद

पूर्व मुख्यमंत्री को इस मामले में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 105 सहपठित धारा 49 के तहत द्वितीय आरोपी (A-2) बनाया गया है। आरोप है कि वह जिस वाहन में रैली कर रहे थे, उसी वाहन से सिंगैया की मौत हुई।

राजनीतिक दुर्भावना का आरोप

जगन मोहन रेड्डी ने अपने आवेदन में कहा कि उनकी गिरफ्तारी या किसी भी प्रकार की दमनात्मक कार्रवाई उनके निजी अधिकारों और प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति पहुंचा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक हित साधने के उद्देश्य से उन्हें मामले में घसीटा जा रहा है और इस प्रकार की कार्रवाई न्याय के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध है।