इजराइल का सीरिया पर अब तक का सबसे बड़ा हमला, ड्रूस समुदाय की सुरक्षा के लिए की गई सैन्य कार्रवाई से खाड़ी में मचा हड़कंप
दिल्ली/17 जुलाई 2025। मध्य पूर्व एक बार फिर गंभीर सैन्य तनाव के दौर से गुजर रहा है। इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला कर दुनिया का ध्यान खींच लिया है। इस हमले में इजरायली सेना ने सीरिया के रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय टीवी केंद्र सहित कई प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया। हमले की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टीवी प्रसारण के दौरान लाइव स्टूडियो में धमाके की आवाज सुनकर एंकर घबराकर कैमरे से हट गई और स्टूडियो छोड़कर भाग खड़ी हुई।
इजरायली सेना की इस सैन्य कार्रवाई के पीछे ड्रूस समुदाय की रक्षा का कारण बताया गया है। इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा है कि चेतावनियों का समय अब खत्म हो चुका है, अब केवल जवाबी कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इजरायली सेना दक्षिणी सीरिया में ड्रूस समुदाय की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।
ड्रूस समुदाय बना संघर्ष का केंद्र
सीरिया के दक्षिणी शहर सुईदा में हाल ही में सीरियाई सेना और अल्पसंख्यक ड्रूस समुदाय के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन झड़पों में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। ड्रूस समुदाय ने आरोप लगाया है कि सीरियाई सेना जानबूझकर उनके लोगों को निशाना बना रही है, जबकि सीरियाई सरकार का दावा है कि यह हिंसा अपराधी गिरोहों की करतूत है, न कि सरकारी बलों की।
ड्रूस एक विशिष्ट धार्मिक समुदाय है जिसकी उत्पत्ति 11वीं सदी के मिस्र में हुई थी। यह समुदाय न तो पूर्णत: इस्लामी है और न ही यहूदी, बल्कि यह कई धार्मिक और दार्शनिक परंपराओं जैसे हिंदू, बौद्ध और सूफी विचारधाराओं का सम्मिश्रण है। सीरिया में ड्रूस की जनसंख्या लगभग 7 लाख है, जिनमें से अधिकांश सुईदा क्षेत्र में निवास करते हैं। इजराइल में भी लगभग 1.5 लाख ड्रूस नागरिक हैं, जिनमें से कई इजरायली सेना में भी सेवा दे रहे हैं।
मिडिल ईस्ट में तनाव की नई लहर
इजराइल पहले से ही गाजा, लेबनान और ईरान जैसे मोर्चों पर संघर्षरत है। अब सीरिया के भीतर सीधे हस्तक्षेप और सैन्य कार्रवाई ने पूरे खाड़ी क्षेत्र में खलबली मचा दी है। अमेरिका ने भी सीरिया में हो रही हिंसा की आलोचना की है और सभी पक्षों से संवाद और शांति की अपील की है। अमेरिकी प्रतिनिधि ने स्पष्ट रूप से कहा है कि नागरिकों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को तत्काल रोका जाना चाहिए।
नतीजे और आशंकाएं
इजराइल की इस कार्रवाई को जहां एक ओर ड्रूस समुदाय की सुरक्षा के लिए लिया गया कदम बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि इससे पूरे मिडिल ईस्ट में युद्ध जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं। इजराइल और सीरिया के बीच बढ़ती शत्रुता आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और वैश्विक शांति प्रयासों के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है।