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ईरान-इज़राइल टकराव गहराया: ट्रंप ने दी चेतावनी, खामेनेई ने कहा “झुकेगा नहीं ईरान”

पश्चिम एशिया में तनाव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। ईरान और इज़राइल के बीच जारी संघर्ष के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “ईरान बर्बादी की कगार पर है। अगर उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया, तो उन्हें शुभकामनाएँ।”

राष्ट्रपति ट्रंप की यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका को सीधे शब्दों में चेताया कि अगर उसने हस्तक्षेप किया तो उसे “अपूरणीय क्षति” उठानी पड़ेगी। खामेनेई ने साफ कहा, “ईरानी राष्ट्र कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगा।”

यह बयान संघर्ष के छठे दिन आया, जब इज़राइल ने ईरान की सैन्य ठिकानों पर एक के बाद एक कई लंबी दूरी की बमबारी की। इसके जवाब में ईरान ने मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया, जिससे पूरे क्षेत्र में व्यापक युद्ध की आशंका और बढ़ गई है।

खामेनेई ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा, “जो लोग ईरान और इसकी जनता को समझते हैं, वे कभी धमकी की भाषा में बात नहीं करते। अमेरिका को यह जान लेना चाहिए कि किसी भी सैन्य कार्रवाई का जवाब अपूरणीय नुकसान के रूप में मिलेगा।”

वहीं, ट्रंप ने व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनका धैर्य अब खत्म हो चुका है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि अमेरिका इज़राइल के सैन्य अभियान में शामिल होगा या नहीं। ट्रंप ने कहा, “मैं कर सकता हूँ, मैं नहीं भी कर सकता। किसी को नहीं पता मैं क्या करूंगा।”

उन्होंने यह भी दावा किया कि ईरानी अधिकारियों ने बातचीत की पहल की थी, लेकिन अब समय “बहुत आगे निकल चुका है।”

इस बीच तेहरान में जारी बमबारी के कारण हजारों लोग शहर छोड़कर भाग रहे हैं। इज़राइली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने कहा, “हम ईरानी शासन के प्रतीकों को निशाना बनाते रहेंगे।”

इज़राइली वायु सेना ने दावा किया है कि उन्होंने तेहरान में स्थित ईरान की पुलिस मुख्यालय समेत कई सैन्य निर्माण इकाइयों को ध्वस्त कर दिया है।

ट्रंप के ‘बिना शर्त आत्मसमर्पण’ की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए खामेनेई ने तीखा हमला बोला और कहा कि यह मांग “अहंकारी और अस्वीकार्य” है। उन्होंने ट्रंप को चेताया कि अगर उन्होंने ईरान पर हमला करने की सोची, तो अमेरिका को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

ट्रंप की सोशल मीडिया पोस्ट्स में भी तीखे तेवर देखने को मिले, जहां उन्होंने खामेनेई को मारने तक की बात की और फिर ईरान से ‘UNCONDITIONAL SURRENDER’ की मांग दोहराई।

ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने ट्रंप के बयान को खारिज करते हुए कहा, “ईरान धमकी में बात नहीं करता, न ही दबाव में शांति स्वीकार करता है।”

संघर्ष में और तेज़ी आने के संकेत हैं, क्योंकि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने भी संकेत दिया है कि वह राष्ट्रपति के किसी भी आदेश को लागू करने के लिए तैयार है।

क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए यह संघर्ष अब एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है।