छत्तीसगढ़ में शिक्षा की नई क्रांति: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ज्ञान धारा कार्यक्रम में गिनाईं उपलब्धियां
रायपुर, 03 अगस्त 2025/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर में हरिभूमि और आईएनएच मीडिया समूह द्वारा आयोजित ‘ज्ञान धारा – शिक्षा संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की बुनियाद मानती है।
उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली है, उनकी प्राथमिकता रही है कि विभाग को गहराई से समझते हुए उसमें सुधार की ठोस पहल की जाए। सबसे पहले एक गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह पाया गया कि राज्य में शिक्षक और छात्रों का अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर होने के बावजूद वितरण असमान है। ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों की संख्या अधिक है, लेकिन शिक्षक अपेक्षाकृत कम हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में शिक्षक अधिक संख्या में पदस्थ हैं। इस असंतुलन को दूर करने हेतु युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया आरंभ की गई। परिणामस्वरूप अब छत्तीसगढ़ का कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं है। इरकभट्टी जैसे गांवों में वर्षों से बंद पड़े विद्यालय पुनः प्रारंभ हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अब भी शिक्षकों की आवश्यकता बनी हुई है, और 5000 नए शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र आरंभ की जाएगी।
नई शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को राज्य सरकार ने तत्परता से लागू किया है। छत्तीसगढ़ में अब 18 स्थानीय भाषाओं और बोलियों में प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जा रही है, जिससे बच्चों की सीखने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
पीएम-श्री स्कूल योजना के अंतर्गत छात्रों को हाई-टेक सुविधाएँ मिल रही हैं। विद्यालयों के रखरखाव हेतु ₹133 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। छात्रावासों की स्थिति में सुधार हेतु ठोस कदम उठाए गए हैं।
नक्सलवाद से विकास की ओर – बस्तर की नई दिशा
छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से पीड़ित रहा है, पर अब विकास के द्वार खुल रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नक्सल समस्या से सुरक्षा और विकास—दोनों स्तरों पर समन्वित रणनीति से निपटा जाएगा। अब तक 1500 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और कई सक्रिय नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए हैं। पुनर्वास हेतु ‘नियद नेल्ला नार’ योजना के माध्यम से कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धुड़मारास गांव को विश्व के 20 प्रमुख पर्यटन ग्रामों में स्थान मिला है। बस्तर में बोधघाट परियोजना के तहत 7 लाख हेक्टेयर सिंचाई सुविधा और 200 मेगावॉट बिजली उत्पादन की दिशा में कार्य हो रहा है।
शिक्षा का बुनियादी विस्तार
पिछले 25 वर्षों में राज्य में शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। पहले मात्र 1 मेडिकल कॉलेज था, अब 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। 19 निजी विश्वविद्यालय स्थापित हो चुके हैं और 3 नए विश्वविद्यालयों की स्थापना प्रक्रिया में है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बने।
विकसित छत्तीसगढ़ 2047
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2047 तक “विकसित छत्तीसगढ़” के लिए तैयार विजन डॉक्यूमेंट में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। विद्यालयों और महाविद्यालयों की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मान
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षकों को “उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान” से अलंकृत किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षकों में के. शारदा, बी. आर. साहू, भरत किशोर यादव, धनंजय पाण्डेय और बलदाऊ सिंह श्याम शामिल हैं।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, खेल एवं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, विधायकगण पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, गुरु खुशवंत साहेब, प्रदेश के शिक्षाविद्, विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।