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छत्तीसगढ़ सरकार का 5 साल में GSDP को ₹10 लाख करोड़ तक दोगुना करने का लक्ष्य: वित्त मंत्री ओ पी चौधरी

रायपुर, 16 मार्च (PTI): छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सकल राज्य उत्पाद (GSDP) को अगले पांच वर्षों में ₹10 लाख करोड़ तक दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राज्य के वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि इसके लिए छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों और प्रगतिशील नीतियों का संयोजन करेगा ताकि आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके।

चौधरी ने कहा कि राज्य की नई औद्योगिक नीति, जो रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करती है, ने पिछले 15 महीनों में ₹1 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रतिबद्धताओं को आकर्षित किया है। राज्य के औद्योगिक विकास के मुख्य क्षेत्रों में सेमीकंडक्टर निर्माण, डेटा केंद्र, आईटी सेवाएं, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा पर्यटन हैं।

राज्य, जो बिजली उत्पादन में अतिरिक्त है, नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा, पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, क्योंकि यहां वर्ष भर भरपूर धूप मिलती है। चौधरी ने कहा कि जल विद्युत परियोजनाओं के कुछ अवसरों का भी अध्ययन किया जा रहा है। “हम स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और सतत विकास पर जोर दे रहे हैं,” उन्होंने कहा।

राज्य सरकार की योजना है कि रायपुर को एक प्रमुख शादी स्थल के रूप में विकसित किया जाए, जबकि अन्य क्षेत्रों जैसे आयुर्वेद, चिकित्सा पर्यटन और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही, राज्य औद्योगिक विकास, बुनियादी ढांचे, शहरी परिवहन, डिजिटल कनेक्टिविटी और शिक्षा व कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।

वित्त मंत्री ने कहा, “हमने 2047 तक छत्तीसगढ़ को एक विकसित राज्य बनाने का लक्ष्य तय किया है और इस दौरान राज्य के 3 करोड़ लोग देश की विकास यात्रा में पीछे नहीं रहेंगे।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में राज्य के GSDP को ₹10 लाख करोड़ तक बढ़ाना है, जिसके लिए 14 प्रतिशत की विकास दर की आवश्यकता होगी।

राज्य सरकार ने इस महीने 2025-26 के वित्तीय वर्ष के लिए ₹1.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया, जिसका उद्देश्य आर्थिक पुनर्निर्माण, बुनियादी ढांचे का विकास और सामाजिक कल्याण है। इस बजट का फोकस ‘गति’ के तहत हो रहा है, जिसमें G का मतलब अच्छा शासन, A का मतलब बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास, T का मतलब प्रौद्योगिकी और I का मतलब औद्योगिक विकास है।

चौधरी ने कहा कि उनका मुख्य फोकस शासन और आर्थिक विकास के जरिए कर संग्रह को बढ़ाना है। इसके साथ ही, राज्य सरकार महिलाओं, आदिवासियों और वंचित समुदायों के लिए सामाजिक कल्याण योजनाओं पर भी काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि “हमने नए औद्योगिक नीति में रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया है। अब निवेशकों को मिलने वाली सब्सिडी निवेश की राशि पर नहीं, बल्कि रोजगार सृजन पर आधारित होगी।”

छत्तीसगढ़ के खनिज संसाधनों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संसाधनों का स्थायी और पर्यावरण-मित्र तरीके से उपयोग सुनिश्चित कर रही है और खनन से प्रभावित लोगों के पुनर्वास पर भी ध्यान दे रही है।

चौधरी ने कहा कि राज्य का 25 साल का सफर महत्वपूर्ण रहा है और राज्य की GDP अब ₹21,000 करोड़ से बढ़कर ₹6 लाख करोड़ हो गई है।

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