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“स्कूटी दीदी” एनु बनी आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण की मिसाल

रायपुर, 15 जुलाई 2025/ धमतरी जिले के छोटे से गांव उमरदा की रहने वाली एनु, आज पूरे देश में “स्कूटी दीदी” के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी हैं। उनकी जीवटता, आत्मनिर्भरता और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में किए गए कार्यों की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एनु जैसी बेटियाँ आत्मनिर्भर भारत की सच्ची पहचान हैं, जो छत्तीसगढ़ के गांवों की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

एनु की प्रेरणादायक यात्रा इस बात का प्रतीक है कि जब किसी के भीतर कुछ कर गुजरने का जज़्बा होता है, तो संसाधनों की कमी, सामाजिक बंदिशें और पारंपरिक सोच भी उसकी राह में रोड़ा नहीं बन पातीं। एक साधारण ग्रामीण परिवार में जन्मी एनु ने कठिनाइयों के बावजूद अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ से जुड़कर सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण लिया। एक लाख रुपये का ऋण लेकर आत्मनिर्भरता की राह पर कदम रखा और समय पर ऋण चुकाकर अनुशासन का उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

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एनु ने यह समझा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उनकी गतिशीलता अत्यंत आवश्यक है। ‘प्रथम संस्था’ से स्कूटी चलाना सीखा। शुरुआत में तानों और सामाजिक व्यंग्य का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने आत्मविश्वास नहीं खोया। स्कूटी से जब वे गांव-गांव महिलाओं से जुड़ने लगीं, तो उन्हें “स्कूटी दीदी” के नाम से पहचान मिलने लगी।

2023 में एनु ने “महिला दोपहिया प्रशिक्षण केंद्र” की स्थापना की। आरंभ में केवल दो-तीन महिलाएं प्रशिक्षण लेने आईं, लेकिन आज यह पहल ग्रामीण समाज में एक क्रांति का रूप ले चुकी है। अब तक 30 से अधिक महिलाओं को स्कूटी चलाना सिखाया जा चुका है, जो अब स्कूल, बैंक, स्वास्थ्य केंद्र और आंगनबाड़ी तक स्वतंत्र रूप से आ-जा रही हैं।

एनु की इस पहल ने न केवल महिलाओं की दैनिक आवाजाही को सुलभ बनाया है, बल्कि सामाजिक सोच में भी बड़ा बदलाव लाया है। अब गांवों के माता-पिता स्वयं अपनी बेटियों और बहुओं को प्रशिक्षण हेतु भेज रहे हैं। एनु का सपना है कि वे 1000 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएं और भविष्य में चारपहिया वाहन प्रशिक्षण केंद्र भी शुरू करें।

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि एनु जैसे लोग छत्तीसगढ़ की नई पहचान हैं। राज्य सरकार ‘बिहान’ योजना जैसी पहलों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो जमीनी स्तर पर परिवर्तन ला रही हैं।

एनु का योगदान केवल ड्राइविंग तक सीमित नहीं है। उन्होंने महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई, एलईडी असेंबली, मनरेगा कार्यों और घरेलू प्रबंधन में भी प्रशिक्षित किया है। उनके सराहनीय प्रयासों के चलते भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वाति शर्मा और धमतरी के कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने उमरदा गांव जाकर एनु से भेंट की और उनके कार्यों की सराहना की।

भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी एनु की कहानी को अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर साझा किया है, जिसमें लिखा गया – “संसाधनों की कमी थी, पर हौसला अडिग था। एनु ने एम.ए. की पढ़ाई पूरी की, प्रशिक्षण लिया और आत्मनिर्भर बनीं। आज वे दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन गई हैं।”

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ की बेटियाँ केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की वाहक हैं। सरकार हर उस पहल का स्वागत करेगी, जो महिला सशक्तिकरण को गति प्रदान करे।