छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. चित्तरंजन कर रेल मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति में नामित
रायपुर 16 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ की पावन माटी में जन्मे, पले-बढ़े वरिष्ठ साहित्यकार, प्रख्यात भाषाविद्, वैयाकरण, शिक्षाविद् और संगीतकार डॉ. चित्तरंजन कर को केंद्रीय गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा रेल मंत्रालय (रेल्वे बोर्ड) की हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है।
यह उल्लेखनीय है कि डॉ. चित्तरंजन कर के नाम एक ही जीवन में तीन विषयों में प्रोफेसर होने का दुर्लभ रिकॉर्ड दर्ज है। वे सन् 1978 से राजीव लोचन महाविद्यालय, राजिम में साढ़े छः वर्षों तक हिंदी के प्रोफेसर रहे।
तदनंतर, सन् 1984 से पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में उन्होंने 26 वर्षों तक भाषाविज्ञान पढ़ाया। इस दौरान वे प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, साहित्य एवं भाषा अध्ययनशाला, और अधिष्ठाता, कला संकाय के पद से निवृत्त हुए।
निवृत्ति के बाद उन्होंने गुरु घासीदास (केन्द्रीय) विश्वविद्यालय, बिलासपुर में अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा विभाग में मानद प्रोफेसर के रूप में सेवा दी। इसके बाद उड़ीसा केन्द्रीय विश्वविद्यालय, कोरापुट में अंग्रेजी विभाग के कंसल्टेंट प्रोफेसर और भाषा संकाय के अधिष्ठाता के पद पर कार्यरत रहे। वर्तमान में वे हिंदी का आधुनिक व्याकरण रचने में व्यस्त हैं।
डा. कर लगभग 40 कृतियों के सर्जक हैं। उनके निर्देशन में 2 डी.लिट्, 28 पीएच.डी., 250 एम.फिल. शोधार्थियों ने अध्ययन किया है और लगभग 150 शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
छत्तीसगढ़ के गौरव, “विद्या विनयेन शोभते” को चरितार्थ करने वाले अग्रज डॉ. चित्तरंजन कर को उनके योगदान और इस नवीन उपलब्धि पर समन्वय साहित्य परिवार छत्तीसगढ़, साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़, हिंदी साहित्य भारती छत्तीसगढ़, कवि कथाकार बसंत राघव और संस्कृतिकर्मी राजीव नयन शर्मा सहित अनेक प्रतिष्ठित साहित्यिक एवं सांस्कृतिक हस्तियों ने हार्दिक बधाइयां प्रेषित की हैं।