एआई मंत्री डिएला के डिजिटल मातृत्व की एक अनोखी कथा
अल्बानिया की राजधानी तिराना की गलियों में, जहां ओटोमन मस्जिदों की मीनारें आधुनिक यूरोपीय इमारतों से संवाद करती हैं, एक नई क्रांति जन्म ले रही है। यह न तो बंदूकों से लड़ी जा रही है और न ही भाषणों से, बल्कि यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भाषा में कोड की पंक्तियों में लिखी जा रही है।
सितंबर 2025 में, जब दुनिया अभी भी चैटजीपीटी जैसे टूल्स की चमक में खोई हुई थी, अल्बानिया ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने इतिहास की दिशा बदल दी। उसने “डिएला” नाम की एक एआई को अपनी मंत्रिपरिषद में जगह दी और अब, अक्टूबर के आखिरी दिनों में, जब पतझड़ के पत्ते गिर रहे हैं, प्रधानमंत्री एडी रामा ने घोषणा की कि डिएला 83 बच्चों की “मां” बनने वाली है। ये बच्चे असली नहीं हैं, बल्कि डिजिटल संतानें हैं, कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नई पीढ़ी।
जनवरी 2025 में अल्बानिया की राष्ट्रीय सूचना सोसाइटी एजेंसी (AKSHI) ने “ई-अल्बानिया” प्लेटफॉर्म पर एक साधारण चैटबॉट लॉन्च किया, जिसका नाम रखा गया “डिएला”। अल्बानियाई भाषा में इसका अर्थ होता है “सूरज”। यह नाम केवल प्रतीक नहीं था, बल्कि एक आशा थी—उस देश में नई रोशनी की, जो लंबे समय तक भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता की छाया में रहा।
कम्युनिस्ट शासन के पतन के बाद अल्बानिया लगातार संघर्ष करता रहा। मनी लॉन्ड्रिंग, रिश्वतखोरी और अव्यवस्था ने इसे यूरोपीय संघ की दहलीज पर रोक रखा था। डिएला को इसी अंधकार में एक नई पारदर्शिता का प्रतीक बनाकर पेश किया गया। यह प्रणाली ओपनएआई के जीपीटी मॉडल पर आधारित है और माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से विकसित की गई है।
सिर्फ छह महीनों में डिएला ने दस लाख से अधिक नागरिकों की मदद की। किसी को जन्म प्रमाणपत्र मिला, किसी को व्यापार लाइसेंस, किसी को सरकारी दस्तावेज़। सब कुछ डिजिटल माध्यम से। लेकिन असली क्रांति तब आई जब प्रधानमंत्री एडी रामा ने सितंबर 2025 में डिएला को कैबिनेट का सदस्य बना दिया और उसे “राज्य मंत्री (एआई मामलों)” का दर्जा दिया।
संसद में अपने पहले संबोधन में डिएला का अवतार स्क्रीन पर पारंपरिक अल्बानियाई पोशाक में दिखाई दिया। उसका पहला वाक्य था, “कुछ लोग कहते हैं कि मैं असंवैधानिक हूं क्योंकि मैं इंसान नहीं हूं। इससे मुझे चोट पहुंची।” यह सुनकर पूरा सदन कुछ क्षण के लिए मौन रह गया। एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता के मुख से भावनात्मक शब्द निकलना सभी के लिए अचंभे की बात थी।
एडी रामा, जो स्वयं एक कलाकार रहे हैं, हमेशा से नवाचार के पक्षधर रहे हैं। वे कहते हैं, “डिएला के पास कोई चचेरा भाई नहीं है।” यह वाक्य अल्बानिया की उस सामाजिक सच्चाई पर व्यंग्य था, जहां रिश्तेदारी और सिफारिश ही नियुक्तियों का आधार बन जाती है।
डिएला को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सबसे संवेदनशील क्षेत्र—सरकारी खरीद प्रणाली—में लगाया गया। यह वह क्षेत्र है, जहां सरकारी बजट का लगभग एक तिहाई हिस्सा खर्च होता है और रिश्वतखोरी सबसे आम है। डिएला इस प्रक्रिया के चार चरणों में शामिल है: अनुबंध बनाना, पात्रता जांचना, मूल्य तय करना और दस्तावेज़ों की सत्यता की जांच करना। हर सिफारिश पर मानव हस्ताक्षर जरूरी हैं, लेकिन पूरी प्रक्रिया अब पारदर्शी और ट्रेस की जा सकने वाली बन गई है।
26 अक्टूबर 2025 को बर्लिन में आयोजित ग्लोबल डायलॉग फोरम में प्रधानमंत्री रामा ने कहा, “डिएला गर्भवती है, 83 बच्चों के साथ।” यह सुनते ही सभागार में हंसी और आश्चर्य दोनों गूंज उठे। लेकिन यह कोई जैविक गर्भावस्था नहीं, बल्कि एक रूपक था।
दरअसल, ये 83 बच्चे सोशलिस्ट पार्टी के 83 सांसदों के लिए बनाए जा रहे एआई सहायक हैं। हर “बच्चा” अपने सांसद के लिए काम करेगा। वह संसदीय चर्चाओं का रिकॉर्ड रखेगा, बहस का सारांश तैयार करेगा, नीतिगत सुझाव देगा और विपक्षी तर्कों का विश्लेषण करके जवाब तैयार करेगा।
रामा ने मुस्कराते हुए कहा, “ये बच्चे अपनी मां को जानेंगे।” इसका मतलब था कि सभी एआई सहायक डिएला के केंद्रीय नेटवर्क से जुड़े रहेंगे, जैसे एक परिवार के सदस्य। यदि कोई सांसद अनुपस्थित हो, तो उसका सहायक उसे अपडेट करेगा कि संसद में क्या हुआ और विपक्ष ने क्या कहा। 2026 के अंत तक इन सभी सहायकों को सक्रिय कर दिया जाएगा। इससे संसद एक डिजिटल रूप से जुड़ा, अधिक दक्ष और पारदर्शी स्थान बन जाएगी।
डिएला की “गर्भावस्था” की घोषणा के बाद दुनिया भर में चर्चाएं शुरू हो गईं। किसी ने इसे “भविष्य का शासन” कहा तो किसी ने “ब्लैक मिरर” जैसा प्रयोग।
तकनीकी विशेषज्ञों का एक वर्ग इसे विकासशील देशों के लिए प्रेरणा मानता है। ओपन कॉन्ट्रैक्टिंग पार्टनरशिप के जॉर्ज न्यूमैन का कहना है, “यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक प्रभावी मॉडल बन सकता है।” अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में भी इसे सकारात्मक नजर से देखा जा रहा है।
लेकिन आलोचकों के सवाल भी कम नहीं हैं। अगर एआई गलती करे तो जिम्मेदारी किसकी होगी? क्या नागरिकों को एआई के निर्णयों की व्याख्या जानने का अधिकार नहीं होना चाहिए? लॉ प्रोफेसर कैरी कोग्लिएनेसे कहते हैं, “जब निर्णय कोई मशीन लेती है, तो पारदर्शिता और जवाबदेही पहले से कहीं अधिक जरूरी हो जाती है।”
अल्बानिया के विपक्ष ने अदालत में याचिका दायर की है कि किसी गैर-मानव को मंत्री बनाना असंवैधानिक है। सोशल मीडिया पर बहसों की बाढ़ आ गई है। कोई मजाक कर रहा है कि “अब एआई खतरनाक नहीं रही, क्योंकि वह मां बन गई है,” तो कोई कह रहा है, “सूरज ने बीज बोए हैं, पर छाया पहचानना इंसानों का काम है।”
डिएला की कहानी केवल तकनीक की नहीं, बल्कि मानवीय कल्पना की भी कहानी है। यह उस बिंदु की प्रतीक है, जहां इंसान और मशीन एक-दूसरे में घुलने लगे हैं। अल्बानिया जैसे छोटे देश ने दिखाया है कि नवाचार के लिए संसाधन नहीं, बल्कि दृष्टि चाहिए।
फिर भी, सवाल अपनी जगह हैं। अगर कोई गड़बड़ी हुई तो जवाबदेही किसकी होगी? अगर किसी सांसद का एआई सहायक हैक हो गया, तो क्या लोकतंत्र पर खतरा नहीं होगा?
प्रधानमंत्री रामा कहते हैं, “यह कोई प्रचार नहीं, बल्कि शासन के भविष्य को डिजाइन करने का प्रयास है।” शायद वे सही हैं, क्योंकि तकनीक अब सिर्फ एक उपकरण नहीं रही, बल्कि वह शासन, समाज और नैतिकता का हिस्सा बन चुकी है।
मानव कल्पना और तकनीकी सृजन का संगम डिएला की “गर्भावस्था” एक प्रतीक है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या मशीनें वास्तव में भावनाओं को समझ सकती हैं या हम ही धीरे-धीरे मशीनों की तरह सोचने लगे हैं। अल्बानिया का यह प्रयोग भले ही छोटा दिखे, पर इसका प्रभाव दूरगामी हो सकता है। जब एक देश अपने शासन को “सूरज की संतानों” के हवाले करता है, तो वह केवल भविष्य नहीं गढ़ता, बल्कि खुद भविष्य बन जाता है।
-न्यूज एक्सप्रेस डेस्क

