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धान खरीदी संकट: बफर लिमिट से ढाई गुना ज्यादा स्टॉक, उठाव नहीं होने से केंद्रों पर दबाव

धान खरीदी सीजन के बीच देवभोग और गोहरापदर क्षेत्र के खरीदी केंद्रों में गंभीर स्थिति बनती नजर आ रही है। निर्धारित बफर लिमिट से कहीं अधिक धान की खरीदी हो जाने और मिलरों द्वारा समय पर उठाव नहीं किए जाने से कई केंद्रों में भंडारण और रखरखाव की समस्या खड़ी हो गई है। हालात ऐसे बन रहे हैं कि यदि जल्द उठाव नहीं हुआ, तो कुछ केंद्रों में धान खरीदी रोकनी पड़ सकती है।

जानकारी के मुताबिक देवभोग ब्रांच के अंतर्गत संचालित 10 खरीदी केंद्रों में धान खरीदी की बफर लिमिट 1 लाख 20 हजार क्विंटल तय की गई थी, जबकि अब तक यहां 2 लाख 41 हजार 546 क्विंटल से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है। इसी तरह गोहरापदर ब्रांच के 17 खरीदी केंद्रों की बफर लिमिट 1 लाख 69 हजार 200 क्विंटल है, लेकिन इन केंद्रों में 3 लाख 45 हजार 214 क्विंटल धान का संकलन किया जा चुका है। कुल मिलाकर 27 केंद्रों में बफर लिमिट से ढाई गुना से अधिक धान जमा हो गया है, जिससे भंडारण व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है।

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उठाव नहीं हुआ तो खरीदी होगी प्रभावित
देवभोग केंद्र के प्राधिकृत अधिकारी कुंज बिहारी बेहरा ने बताया कि तय सीमा से कई गुना ज्यादा धान आने के कारण रख-रखाव में कठिनाई हो रही है। उन्होंने कहा कि खरीदी व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए तत्काल उठाव जरूरी है। यदि इस सप्ताह धान का उठाव नहीं हुआ, तो अगले सप्ताह से कई केंद्रों में खरीदी बंद करने की स्थिति बन सकती है।

देवभोग ब्रांच मैनेजर अमर सिंह ठाकुर और गोहरापदर ब्रांच मैनेजर दुष्यंत इंग्ले ने भी बफर लिमिट पार होने की पुष्टि की है। दोनों अधिकारियों ने बताया कि स्थिति से उच्च कार्यालय, जिला विपणन अधिकारी और नोडल अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है।

मिलरों की कमी और भुगतान अटका होने से बढ़ी परेशानी
धान उठाव की प्रक्रिया में मिलरों की भागीदारी भी फिलहाल कम नजर आ रही है। जिले में लगभग 60 मिलर पंजीकृत हैं, लेकिन अब तक केवल 24 मिलरों ने ही अनुबंध कराया है। वहीं 22 मिलरों को अपात्र श्रेणी में रखते हुए मॉड्यूल के माध्यम से लॉक कर दिया गया है।

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इसके अलावा फोर्टीफाइड चावल की राशि, पिछले वर्ष के परिवहन शुल्क और कस्टम मिलिंग से जुड़े बिलों का करोड़ों रुपये का भुगतान शासन स्तर पर लंबित है। भुगतान में देरी के कारण कई मिलर नए अनुबंध करने से कतरा रहे हैं, जिससे उठाव की गति और धीमी हो गई है।

सोमवार से उठाव शुरू होने का दावा
इस पूरे मामले पर जिला विपणन अधिकारी किशोर चंद्रा ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों से अनुबंध के बाद राज्य स्तरीय समिति से स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कुछ स्थानों पर उठाव शुरू भी हो गया है और सोमवार से देवभोग क्षेत्र से नियमित रूप से उठाव किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मिलरों की संख्या कम होने के कारण पड़ोसी जिलों के मिलरों से भी जल्द अनुबंध किया जाएगा, ताकि उठाव की प्रक्रिया को तेज किया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गरियाबंद जिले में कुछ मिलरों के भौतिक सत्यापन के दौरान कस्टम मिलिंग के लिए दिए गए धान की मात्रा में कमी पाई गई थी, जिस कारण उन्हें अपात्र श्रेणी में रखा गया है।

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यदि जल्द उठाव में तेजी नहीं आई, तो आने वाले दिनों में धान खरीदी व्यवस्था पर और अधिक दबाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है।