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विदेशी दौरों को लेकर संजय राउत की आलोचना पर शरद पवार की नसीहत — “स्थानीय राजनीति को राष्ट्रीय मंच पर न लाएं”

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सांसद संजय राउत द्वारा केंद्र सरकार के विदेश दौरों की आलोचना किए जाने के एक दिन बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के अध्यक्ष शरद पवार ने उन्हें सलाह दी कि देश की अंतरराष्ट्रीय छवि से जुड़े मुद्दों में “स्थानीय स्तर की राजनीति” को शामिल न किया जाए।

शरद पवार ने सोमवार को बारामती में पत्रकारों से कहा, “जब अंतरराष्ट्रीय मुद्दे सामने आते हैं, तब हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए। केंद्र सरकार ने जो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गठित किया है, उसका उद्देश्य देश की स्थिति को वैश्विक मंचों पर स्पष्ट करना है, विशेषकर पहलगाम हमले और पाकिस्तान से जुड़ी गतिविधियों के बाद।”

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर संजय राउत की नाराजगी

इससे पहले रविवार को संजय राउत ने कहा था कि INDIA गठबंधन के सदस्यों को इन विदेश दौरों का बहिष्कार करना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल केंद्र सरकार के “पापों और गलतियों को ढकने का प्रयास” है। उन्होंने इस प्रतिनिधिमंडल को “बारात” की संज्ञा देते हुए उसकी समयबद्धता और उद्देश्य पर सवाल खड़े किए।

राउत ने कहा, “यह कोई कूटनीति नहीं है, बल्कि एक राजनीतिक तमाशा है। विपक्ष की आवाज को नजरअंदाज कर चुने हुए सांसदों को भेजा जा रहा है। यदि यह वास्तव में सर्वदलीय प्रयास होता, तो सभी दलों को शामिल किया जाता।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने संसद को दरकिनार कर विदेश दौरे की योजना बनाई है, जबकि विपक्ष ने कश्मीर और ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष सत्र की मांग की थी, जिसे अब तक स्वीकार नहीं किया गया।

पवार की प्रतिक्रिया और सद्भाव का संदेश

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए पवार ने कहा, “हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है। लेकिन मैं देख रहा हूं कि संजय राउत की पार्टी से ही एक सदस्य (प्रियंका चतुर्वेदी) इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। ऐसे में इस तरह की आलोचना उचित नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि देश के वैश्विक प्रयासों में दलगत राजनीति को दूर रखना जरूरी है।

प्रतिनिधिमंडल में खुद पवार की बेटी और बारामती की सांसद सुप्रिया सुले भी शामिल हैं।