भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती देने के लिए 54,000 करोड़ रुपये के रक्षा अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करने के लिए 20 मार्च, गुरुवार को 54,000 करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इन अनुमोदनों के तहत भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण उपकरणों की खरीदारी की जाएगी।
भारतीय सेना को मिलेगी नई ताकत
भारतीय सेना के लिए, DAC ने T-90 टैंकों में मौजूदा 1000 HP इंजन को अपग्रेड करके 1,350 HP के अधिक शक्तिशाली इंजन की खरीदारी को मंजूरी दी है। इस अपग्रेडेशन से टैंकों की युद्ध क्षेत्र में गतिशीलता में सुधार होगा और यह विशेष रूप से उच्च-ऊंचाई वाले इलाकों में कठिन परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इंजन के पावर-टू-वेट अनुपात में वृद्धि होने से टैंकों को कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में भी कुशलतापूर्वक संचालन करने में मदद मिलेगी।
नौसेना को मिलेगा आधुनिक एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता
भारतीय नौसेना अपनी एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता को और मजबूत करेगी। इसके लिए DAC ने वरुणास्त्र टॉरपीडो की खरीदारी को मंजूरी दी है। ये टॉरपीडो भारतीय नौसेना द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं और ये शिप-लॉन्च किए जाने वाले युद्ध टॉरपीडो हैं। इनकी सहायता से नौसेना को सबमरीन खतरों का मुकाबला करने में अधिक प्रभावी क्षमता प्राप्त होगी।
वायुसेना की निगरानी और ऑपरेशनल क्षमता में होगा सुधार
वहीं, भारतीय वायुसेना को भी एक अहम बढ़ावा मिलेगा। DAC ने वायुसेना के लिए एअरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) एयरक्राफ्ट सिस्टम की खरीदारी को मंजूरी दी है। ये सिस्टम आधुनिक युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और विभिन्न प्लेटफार्मों के बीच मुकाबला क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाते हैं।
रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज बनाने के लिए नई दिशा-निर्देश
रक्षा मंत्रालय की ‘2025 का सुधार वर्ष’ पहल के तहत, DAC ने पूंजी अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नए दिशा-निर्देशों को भी मंजूरी दी है। यह नया ढांचा प्रक्रियात्मक देरी को कम करने और समय पर अधिक कुशल अधिग्रहण सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
इस निर्णय से भारतीय सशस्त्र बलों की शक्ति और क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार होगा, जिससे देश की रक्षा तैयारियों को और अधिक सशक्त किया जा सकेगा।