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छत्तीसगढ़ में खाद की कोई कमी नहीं, डीएपी की कमी को पूरा करने एनपीके, एसएसपी और नैनो डीएपी का भरपूर स्टॉक

रायपुर, 14 जुलाई 2025/ खरीफ सीजन 2025 के लिए छत्तीसगढ़ में रासायनिक उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार ने वैश्विक स्तर पर डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) खाद के आयात में आ रही बाधाओं के मद्देनज़र, किसानों की जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए नैनो डीएपी, एनपीके, एसएसपी तथा म्यूरेट ऑफ पोटाश जैसे वैकल्पिक उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता और वितरण सुनिश्चित किया है।

कृषि विभाग के अनुसार, खरीफ 2025 के लिए डीएपी का निर्धारित लक्ष्य 3.10 लाख मीट्रिक टन था, जिसके विरुद्ध अब तक 1.63 लाख मीट्रिक टन से अधिक डीएपी का भंडारण किया जा चुका है। जुलाई माह में अतिरिक्त 48,850 मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति और संभावित है।

डीएपी के विकल्प के रूप में:

  • 1.79 लाख बोतल नैनो डीएपी,

  • एनपीके उर्वरक का 25,266 मीट्रिक टन अतिरिक्त भंडारण,

  • एसएसपी का 71,363 मीट्रिक टन अतिरिक्त भंडारण किया गया है।
    इन विकल्पों से लगभग 72,000 मीट्रिक टन डीएपी की प्रतिपूर्ति सुनिश्चित की गई है।

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म्यूरेट ऑफ पोटाश का भी 77,000 मीट्रिक टन भंडारण किया गया है, जो निर्धारित लक्ष्य (60,000 मीट्रिक टन) से अधिक है।

कृषि वैज्ञानिकों की सिफारिशों के अनुसार नैनो डीएपी का उपयोग बीजोपचार, जड़ उपचार एवं फसल पर छिड़काव के रूप में किया जा सकता है, जो ठोस डीएपी का प्रभावी विकल्प है। एनपीके और एसएसपी उर्वरक भी फसल की आवश्यकताओं के अनुसार बेहतर परिणाम दे सकते हैं।

अब तक राज्य में कुल 13.18 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का भंडारण किया जा चुका है, जो गत वर्ष की तुलना में 38,000 मीट्रिक टन अधिक है। 6 लाख मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण पहले ही किया जा चुका है और जुलाई तथा आगामी महीनों में शेष मात्रा की आपूर्ति की जाएगी।

यह उल्लेखनीय है कि धान की फसल में यूरिया का उपयोग तीन चरणों में (बोआई/रोपाई, कंसा निकलना, गभोट अवस्था) सितंबर मध्य तक किया जाता है। राज्य सरकार इन सभी चरणों की आवश्यकताओं के अनुरूप समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है।

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि डीएपी की संभावित कमी को लेकर चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार ने न केवल वैकल्पिक उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की है, बल्कि कृषि वैज्ञानिकों और विभागीय विशेषज्ञों के सुझावों के अनुसार किसानों को मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है, ताकि बेहतर उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सोसायटियों और निजी विक्रय केंद्रों पर किसानों की डिमांड के अनुसार खाद और बीज का पर्याप्त भंडारण कराया गया है, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।


मुख्य बिंदु संक्षेप में:

  • डीएपी की कमी की भरपाई हेतु वैकल्पिक उर्वरकों की व्यवस्था

  • नैनो डीएपी, एनपीके, एसएसपी और म्यूरेट ऑफ पोटाश का अतिरिक्त भंडारण

  • कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव के अनुरूप वैकल्पिक खादों का उपयोग

  • राज्य में कुल उर्वरक भंडारण गत वर्ष की तुलना में अधिक

  • किसानों की सुविधा हेतु सहकारी समितियों में प्राथमिकता के आधार पर भंडारण

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