कलेक्टर की तस्वीर की पूजा कर पंडो आदिवासियों ने की मूलभूत सुविधाओं की मांग
पंडो आदिवासियों ने बिजली, पानी, और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर बिंझरा चौक में चक्का जाम कर दिया। प्रदर्शन की शुरुआत एक अनोखे तरीके से हुई, जिसमें ग्रामीणों ने कलेक्टर अजीत वसंत की तस्वीर की पूजा करते हुए उनसे उम्मीद जताई कि केवल वे ही उनकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनके गांवों में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है, और प्रशासन की ओर से कई बार पत्राचार के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
चक्का जाम के कारण कटघोरा से पेंड्रा रोड मार्ग पर सुबह ११ बजे से आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक कलेक्टर आकर उन्हें आश्वासन नहीं देंगे, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
निरधी और तिरखुट्टी जैसे गांवों के लोगों ने अपनी समस्याओं को गिनाते हुए कहा कि बारिश के दौरान आवागमन की सुविधा पूरी तरह से बंद हो जाती है, और अगर कोई बीमार हो जाए तो उसे खाट पर लिटाकर १० किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है। एंबुलेंस की सुविधा न होने के कारण कई बार मरीजों की जान तक चली जाती है।
प्रदर्शन स्थल पर कटघोरा और पाली पुलिस के साथ तहसीलदार विनय देवांगन पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। देर शाम तक प्रदर्शन जारी रहा, और प्रदर्शनकारियों ने निर्णय लिया कि वे प्रदर्शन स्थल पर ही भोजन बनाएंगे और खाएंगे।
तिरखुट्टी की निवासी कलावती ने बताया कि गांव में शिक्षा व्यवस्था बेहद खराब है, और प्राथमिक शाला का संचालन भवन के अभाव में कच्चे मकान में हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके बच्चों को पढ़ाई के लिए जंगलों के रास्ते से बिंझरा के सरकारी आश्रम में जाना पड़ता है, लेकिन उचित आवागमन सुविधा न होने के कारण वे मिडिल स्कूल की पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि रेल कॉरिडोर के काम के चलते बिंझरा से डोंगर तराई को जोड़ने वाली सड़क को डेढ़ किलोमीटर तक तोड़ दिया गया है, जिससे आवागमन और भी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा, रेल कॉरिडोर के नाम पर अधिसूचना जारी होने से पहले ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।