हमले के बाद दिल्ली CM रेखा गुप्ता की सुरक्षा CRPF को सौंपी गई, मिली ‘Z’ श्रेणी की सुरक्षा
नई दिल्ली। बुधवार रात दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के कुछ घंटों बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने उनकी सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया। अब गुप्ता को केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) की ओर से ‘Z’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है, जबकि दिल्ली पुलिस मुख्यालय ने अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए उन्हें ‘Z-प्लस’ सुरक्षा भी प्रदान की है।
यह निर्णय उस वक्त लिया गया जब प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि घटना के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक हुई थी और मौके पर मौजूद दिल्ली पुलिस के सुरक्षाकर्मी सक्रिय नहीं दिखे।
हमले के दौरान जन सुनवाई में मौजूद था आरोपी
रेखा गुप्ता बुधवार को उत्तर दिल्ली स्थित अपने सिविल लाइंस निवास पर ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम आयोजित कर रही थीं। इसी दौरान एक व्यक्ति ने शिकायतकर्ता बनकर उनसे मिलने की कोशिश की और बातचीत के दौरान अचानक उन पर हमला कर दिया। आरोपी की पहचान गुजरात के राजकोट निवासी 41 वर्षीय राजेश भाई किमजी भाई सकारिया के रूप में हुई है। उसे गिरफ्तार कर पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस की सतर्कता शाखा का एक कर्मी, जो जन सुनवाई में मौजूद था, ने हमले के दौरान सबसे पहले हस्तक्षेप किया। हालांकि, सुरक्षा में भारी लापरवाही के चलते पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था में होगा बदलाव
CRPF ने सुरक्षा की कमान संभालने के बाद संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे प्रोटोकॉल की समीक्षा शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, अब जन सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ताओं से मिलने की प्रक्रिया में बदलाव किए जाने की योजना बनाई जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की कोई घटना न हो।
Z और Z-प्लस सुरक्षा में क्या है अंतर?
गृह मंत्रालय की ‘येलो बुक’ के अनुसार, ‘Z’ श्रेणी की सुरक्षा में आमतौर पर 22 से 25 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं, जिनमें पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO), एस्कॉर्ट, वॉचर और आठ सशस्त्र स्थैतिक गार्ड शामिल होते हैं। वहीं ‘Z-प्लस’ श्रेणी में यह संख्या लगभग 60 तक पहुंच जाती है और सुरक्षाकर्मी शिफ्टों में काम करते हैं। इसमें मुख्यमंत्री के निवास, काफिले और जन कार्यक्रमों में उच्च स्तरीय सुरक्षा कवच सुनिश्चित किया जाता है।
राजनीतिक गलियारों में हड़कंप
मुख्यमंत्री पर हमले की घटना ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। विपक्ष ने सुरक्षा में चूक के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि सरकार ने CRPF को तैनात कर त्वरित कार्रवाई की है। अब यह देखना अहम होगा कि नए सुरक्षा प्रोटोकॉल मुख्यमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कितने कारगर साबित होते हैं।