मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने की महिला एवं बाल विकास योजनाओं की उच्चस्तरीय समीक्षा
रायपुर, 23 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि बच्चों का समुचित पोषण, संरक्षण और समग्र विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार नौनिहालों को सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य देने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना होगा, ताकि योजनाओं का लाभ वास्तविक रूप से ज़रूरतमंदों तक पहुंचे।
मुख्यमंत्री साय आज मंत्रालय स्थित महानदी भवन में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति और क्रियान्वयन की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उन्होंने विभाग की आधारभूत संरचना, बजट, संचालित योजनाएं, और क्षेत्रीय अमले की सक्रियता की जानकारी ली और अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।
नियमित मॉनिटरिंग और कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में समीक्षा के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं और बच्चों पर केंद्रित योजनाओं की जिलेवार नियमित मॉनिटरिंग सचिव स्तर से सुनिश्चित की जाए और आगामी कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में इनकी गहन समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग बच्चों, किशोरियों और महिलाओं के पोषण एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शारीरिक और मानसिक विकास पर दिया विशेष बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे बच्चों की देखभाल जितनी संवेदनशीलता और कुशलता से की जाएगी, उनका शारीरिक और मानसिक विकास उतना ही प्रभावी और मजबूत होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चे देश के भविष्य की नींव हैं और इस नींव को मजबूत करने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग की सहभागिता आवश्यक है।
पूरक पोषण आहार की गुणवत्ता और वितरण प्रक्रिया की निगरानी
उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य के हर बच्चे तक पूरक पोषण आहार और अन्य विभागीय योजनाओं का समुचित लाभ पहुंचाया जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित किए जाने वाले पोषण आहार, गर्म भोजन, उसकी मात्रा, गुणवत्ता और कैलोरी मानकों पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने इन बिंदुओं पर निरंतर निगरानी और पारदर्शी वितरण व्यवस्था पर बल दिया।
पीएम जनमन योजना व विशेष जनजातीय समुदाय पर संवेदनशील कार्य का आह्वान
मुख्यमंत्री ने पीएम जनमन योजना के अंतर्गत 197 आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की जानकारी ली और विशेष पिछड़ी जनजाति (PVTG) समुदाय के बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु संवेदनशीलता एवं प्रतिबद्धता से कार्य करने के निर्देश दिए।
पोषण सूचकांकों पर निगरानी और सुधारात्मक प्रयास
उन्होंने बच्चों के पोषण संबंधी महत्वपूर्ण सूचकांकों की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों से अपेक्षित सुधार लाने हेतु ठोस एवं परिणामोन्मुखी प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि सूचकांकों के माध्यम से योजनाओं की जमीनी प्रभावशीलता का आकलन संभव होता है और जहां कमी नजर आए, वहां त्वरित सुधार किए जाने चाहिए।
मातृ वंदना योजना व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में बेहतर प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया और निर्देश दिए कि यह प्रगति निरंतर बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास पर भावनात्मक जुड़ाव का गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संवेदनशीलता के साथ बच्चों से व्यवहार करें।
प्रशिक्षण और योजनाओं की समग्र समीक्षा
मुख्यमंत्री ने विभागीय अमले के नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही, ताकि कार्यकर्ता तकनीकी रूप से दक्ष बनें और अनुसंधानपरक दृष्टिकोण के साथ काम करें।
इस अवसर पर बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, सखी वन स्टॉप सेंटर, शक्ति सदन, महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन, महिला कोष, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, मिशन वात्सल्य समेत अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई।
बैठक में रही इनकी उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद एवं राहुल भगत, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी, संचालक पी. एस. एल्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।