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छत्तीसगढ़ में 17 सितंबर से चलेगा “आदि कर्मयोगी अभियान”

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक “आदि कर्मयोगी अभियान” चलाया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनजातीय अंचलों में सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए सेवा और समर्पण की भावना को सशक्त बनाना है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता पर संचालित किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक आदिवासी परिवार को आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिले।

इस विशेष अभियान में राज्य के सभी 28 जिले, 128 विकासखंड और 6,650 आदिवासी बहुल ग्राम शामिल किए गए हैं। योजना के सफल संचालन के लिए ग्राम स्तर पर 1 लाख 33 हजार से अधिक कैडर तैयार किए जाएंगे, जिनमें पंचायत प्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठन, युवा और स्थानीय सेवाभावी कार्यकर्ता शामिल होंगे। ये कैडर गांवों में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ भविष्य की रूपरेखा तैयार करने में भी भूमिका निभाएंगे।

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अभियान के दौरान प्रत्येक चयनित ग्राम में “आदि सेवा केंद्र” स्थापित होंगे, जो शासकीय सेवाओं की उपलब्धता और जनभागीदारी का केंद्र बनेंगे। यहां से ‘सेवा पर्व’ और ‘आदि कर्मयोगी सेवा अभियान’ जैसे कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे।

सरकार ने अभियान को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की तैयारी की है। राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होंगे। वहीं आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विकास विभाग मिलकर एनजीओ, सीएसओ और स्थानीय वालंटियर्स का चयन व प्रशिक्षण करेंगे।

अभियान के दौरान न केवल शिकायत निवारण शिविर और जागरूकता कार्यक्रम होंगे बल्कि हर गांव का “ट्राइबल विलेज विजन 2030” भी तैयार किया जाएगा। इसी क्रम में “आदिवासी सेवा दिवस” भी मनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री साय का मानना है कि यह अभियान जनजातीय क्षेत्रों में विकास, आत्मनिर्भरता और सुशासन की नई दिशा तय करेगा।