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गाईडलाइन दरों को लेकर फैल रहे भ्रम पर राज्य सरकार ने दी व्यापक स्पष्टता

रायपुर, 09 दिसंबर 2025 / वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड छत्तीसगढ़ द्वारा स्वीकृत नई गाइडलाइन दरों को लेकर आमजन के बीच उत्पन्न हो रहे भ्रम को दूर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने विस्तृत जानकारी जारी की है। शासन ने स्पष्ट किया है कि नई गाइडलाइन दरें अधिक सरल, वैज्ञानिक और पुराने वर्षों से चली आ रही विसंगतियों का समाधान करने वाली हैं।

सरकार ने कहा है कि कुछ स्थानों पर यह गलत जानकारी फैलाई जा रही है कि गाइडलाइन दरों में अत्यधिक वृद्धि की गई है या दस्तावेज पंजीयन प्रक्रिया बाधित हो गई है। जबकि 20 नवंबर 2025 से नई गाइडलाइन लागू होने के बाद केवल कांकेर जिले में 98 दस्तावेजों का पंजीयन सुचारू रूप से हो चुका है, और सभी उप-पंजीयक कार्यालय पूर्ववत् नियमित रूप से कार्य कर रहे हैं।

नगरीय क्षेत्रों में व्यापक सरलीकरण

पूर्व में एक ही वार्ड में कई कंडिकाओं के कारण समान भौगोलिक और व्यावसायिक स्थिति होने के बावजूद दरों में अंतर पाया जाता था। नवीन सर्वे, भौतिक सत्यापन और युक्तियुक्तकरण के बाद कंडिकाओं की संख्या कम कर दी गई है, जिससे दरें समान और अधिक पारदर्शी हो गई हैं।

  • कांकेर नगर पालिका के 21 वार्डों में पहले 56 कंडिकाएँ थीं, जिन्हें घटाकर 26 किया गया है।

  • नगर पंचायत चारामा, नरहरपुर, भानुप्रतापपुर, अंतागढ़ और पंखाजूर की कुल 253 कंडिकाओं को कम कर 105 किया गया है।

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सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया गाइडलाइन को अधिक वैज्ञानिक और पारदर्शी बनाती है।

दर वृद्धि संबंधी भ्रांति का समाधान

राज्य सरकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अंतिम बार गाइडलाइन दरों का पुनरीक्षण वर्ष 2019-20 में हुआ था। छह वर्षों बाद किए गए इस पुनरीक्षण में नगरीय क्षेत्रों में मात्र 20 प्रतिशत वृद्धि की गई है, जो तार्किक और स्वाभाविक है।
यदि दरों को प्रत्येक वर्ष बढ़ाया जाता, तो वर्तमान दरें अधिक होतीं। इसलिए अत्यधिक वृद्धि की बात निराधार है।

ई-पंजीयन प्रणाली पूरी तरह सुचारू

कुछ लोगों द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि नई गाइडलाइन ऑनलाईन अपडेट न होने से पंजीयन ठप हो गया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि सभी उप-पंजीयक कार्यालयों में ई-पंजीयन निर्बाध रूप से चल रहा है और किसी प्रकार की बाधा नहीं है।

पुरानी गाइडलाइन दरों से होने वाली समस्याएँ

सरकार ने बताया कि पुराने दरों के बने रहने से कई समस्याएँ उत्पन्न होती थीं:

  • काले धन के लेन-देन को बढ़ावा मिलता था, क्योंकि वास्तविक सौदा मूल्य अधिक होने पर भी पंजीयन पुराने दरों पर होता था।

  • संपत्तियों का मूल्यांकन कम होने से खरीदारों को ऋण पात्रता कम मिलती थी

  • भूमि अधिग्रहण में पुराने दरों के आधार पर किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल पाता था

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इसलिए नई गाइडलाइन दरें अधिक युक्तियुक्त और वास्तविक परिस्थितियों के अनुरूप हैं।

आमजन से अपील

राज्य शासन ने नागरिकों से कहा है कि वे किसी भी अफवाह या भ्रम में न आएँ। गाइडलाइन से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए निकटस्थ पंजीयन कार्यालय से प्रमाणिक जानकारी प्राप्त करें
नई गाइडलाइन दरों को प्रदेश में रियल एस्टेट लेन-देन को अधिक पारदर्शी, टैक्स चोरी रोकने और जमीन संबंधी मूल्यांकन को विश्वसनीय बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया गया है।