बस्तर में 200 करोड़ की लागत से 240 बिस्तरों का हाई-टेक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल हेतु ऐतिहासिक एमओयू
रायपुर, 03 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में चिकित्सा शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ और कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल, तेलंगाना के बीच लाइसेंस समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह अनुबंध प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के अंतर्गत हुआ, जो राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को नई दिशा देने वाला है।
इस अवसर पर वन एवं परिवहन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, आयुक्त स्वास्थ्य डॉ. प्रियंका शुक्ला, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के अधिकारी जयदीप दास गुप्ता और श्रीनिवास राव, कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल हैदराबाद के अध्यक्ष डॉ. गुरुनाथ रेड्डी, डॉ. रघुनाथ रेड्डी और के.वी. रेड्डी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री का संबोधन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का संकल्प है कि प्रदेश के हर नागरिक, विशेषकर आदिवासी अंचलों के लोग, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि आठ वर्ष पूर्व इस अस्पताल के निर्माण की नींव रखी गई थी और आज जब राज्य अपनी रजत जयंती मना रहा है, उस समय यह एमओयू ऐतिहासिक महत्व रखता है। गणेश महोत्सव जैसे पावन अवसर पर हुआ यह समझौता प्रदेशवासियों के लिए शुभ संकेत है।
उन्होंने आगे कहा कि बस्तर क्षेत्र के लोग लंबे समय से उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रहे हैं। अब यह सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल उनके लिए वरदान साबित होगा। खासकर नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के लिए यह अस्पताल जीवनरक्षक की भूमिका निभाएगा। पहले गंभीर रूप से घायल जवानों को रायपुर तक एयर एंबुलेंस से लाना पड़ता था, किंतु अब उन्हें जगदलपुर में ही अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
स्वास्थ्य मंत्री का वक्तव्य
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार का ध्येय है कि हर नागरिक को समय पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त हों। बस्तर अंचल में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना राज्य और क्षेत्रवासियों दोनों के लिए गर्व की बात है। अब तक ऐसी सुविधाएँ केवल रायपुर और बिलासपुर जैसे बड़े शहरों में उपलब्ध थीं, लेकिन अब बस्तर के लोग भी उसी स्तर की चिकित्सा सुविधा पा सकेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर संभव संसाधन जुटाएगा और निरंतर सुधार की दिशा में कार्य करेगा।
स्वास्थ्य सचिव की जानकारी
स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण पर कुल 200 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसमें से 120 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 80 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने व्यय किए हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) ने भी इस परियोजना में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि अस्पताल 11 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है और इसे अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों एवं आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है।
अस्पताल की संरचना और सुविधाएँ
यह 10 मंजिला भवन 240 बिस्तरों की क्षमता वाला होगा। अस्पताल में हृदय रोग (कार्डियोलॉजी), किडनी रोग (नेफ्रोलॉजी), मस्तिष्क रोग एवं न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी जैसे प्रमुख विभाग संचालित होंगे। ओपीडी, आईसीयू और आपातकालीन सेवाओं सहित गहन चिकित्सा की आधुनिकतम सुविधाएँ यहाँ उपलब्ध होंगी। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम कार्य करेगी, जो मरीजों को सरकारी दर पर उपचार प्रदान करेगी।
क्षेत्रीय और राष्ट्रीय महत्व
यह अस्पताल केवल बस्तर संभाग तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों से भी मरीज यहाँ आकर उपचार करा सकेंगे। इससे बड़े शहरों पर निर्भरता कम होगी और दूरस्थ क्षेत्रों के मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ होंगी।
ऐतिहासिक पहल का प्रभाव
इस अवसर पर मौजूद अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल प्रबंधन के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह पहल छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। इससे बस्तर अंचल के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा और उनकी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ कम होंगी।