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जगदलपुर में धुरवा समाज के संभाग स्तरीय नुआखाई मिलन समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर, 21 सितम्बर 2025/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज के समग्र विकास के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी बहुल गांवों के विकास को ध्यान में रखते हुए “धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना” की शुरुआत की है, जिसमें किसी प्रकार की धनाभाव की स्थिति न रहे, इसके लिए 80 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही, राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान हेतु “प्रधानमंत्री जनमन योजना” लागू की गई है, जिससे इन जनजातियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सार्थक पहलों से जनजातीय क्षेत्रों में विकास की गंगा बहेगी और समुदाय निरंतर प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होगा। उन्होंने यह बात जगदलपुर के वन विद्यालय परिसर में धुरवा समाज के संभाग स्तरीय नुआखाई मिलन समारोह और नवनिर्मित सामाजिक भवन “ओलेख” के लोकार्पण कार्यक्रम में कही।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने धुरवा समाज हेतु पाँच स्थानों पर पंद्रह-पंद्रह लाख रुपए की लागत से डोम निर्माण के लिए कुल 75 लाख रुपए की घोषणा की। साथ ही, धुरवा समाज के 36 सरपंचों द्वारा प्रस्तुत ग्राम पंचायतों के विकास प्रस्तावों को स्वीकृति देने का आश्वासन दिया।

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मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान प्रतीकात्मक गुड़ी में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना की और “ओलेख” भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने समाज के वीर नायक शहीद गुंडाधुर को नमन करते हुए कहा कि यह नुआखाई मिलन समारोह हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। जनजातीय समाज की यह महान परंपरा है कि किसी भी अन्न या फल को ग्रहण करने से पहले देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है और यह परंपरा आने वाली पीढ़ियों तक जीवित रहेगी।

उन्होंने धुरवा समाज को सामाजिक भवन “ओलेख” के लोकार्पण की बधाई देते हुए कहा कि यह भवन समाज की प्रगति और सभा-सम्मेलनों के लिए उपयोगी साबित होगा। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को याद करते हुए कहा कि अटलजी ने जनजातीय समुदाय की चिंता करते हुए भारत सरकार में पृथक जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन किया था। उन्होंने छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष और अटल जन्मशताब्दी वर्ष को “अटल निर्माण वर्ष” के रूप में मनाए जाने का उल्लेख किया।

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मुख्यमंत्री ने बस्तर और सरगुजा संभाग के विकास के लिए विशेष आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इन प्राधिकरणों की स्थापना कर विशेष योजनाओं से अलग भी विकास कार्य सुनिश्चित किए। उन्होंने कहा कि सरकार नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, पुल-पुलिया, बिजली, पानी, आवास और राशन जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित कर रही है।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने धुरवा समाज को नुआखाई मिलन समारोह की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समाज का यह समन्वित प्रयास नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि जब हम पूर्वजों की परंपराओं का निर्वहन करते हैं और उन्हें संजोते हैं, तो समाज की एकता और संस्कृति मजबूत होती है।

कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर महेश कश्यप और विधायक जगदलपुर किरण देव ने भी धुरवा समाज को शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम की शुरुआत में धुरवा समाज के संभागीय अध्यक्ष पप्पू नाग ने स्वागत उद्बोधन दिया और समाज की गतिविधियों से अवगत कराया। समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक छतड़ी, धुरवा तुवाल और कोटी सहित तीर-धनुष भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। अन्य अतिथियों का भी पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया।

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इस अवसर पर चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम आटामी, छत्तीसगढ़ ब्रेवरेज कॉरपोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी, जगदलपुर महापौर संजय पांडेय, कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा समेत बस्तर संभाग से आए धुरवा समाज के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।