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छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बड़ी बैठक: आत्मसमर्पित नक्सलियों के प्रकरण, जन विश्वास विधेयक-2 और अनुपूरक बजट को मंजूरी

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सिविल लाइन्स स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी, जन विश्वास विधेयक के द्वितीय संस्करण और वर्ष 2025-26 के प्रथम अनुपूरक अनुमान से जुड़ी मंजूरियां शामिल रहीं।

1. आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी की प्रक्रिया को मंजूरी

  • मंत्रिपरिषद ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के विरुद्ध पंजीबद्ध आपराधिक प्रकरणों के निराकरण/वापसी की प्रक्रिया को स्वीकृति दी है।

  • इस लक्ष्य के लिए मंत्रिपरिषद उप समिति का गठन किया जाएगा, जो परीक्षण के बाद प्रकरणों को कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

  • यह निर्णय नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 के अनुरूप है, जिसके तहत अच्छे आचरण और नक्सलवाद उन्मूलन में योगदान के आधार पर प्रकरण वापसी पर विचार किया जाता है।

जिला स्तरीय समिति का गठन

  • एक जिला स्तरीय समिति प्रत्येक आत्मसमर्पित नक्सली के विरुद्ध दर्ज मामलों की रिपोर्ट तैयार कर पुलिस मुख्यालय को भेजेगी

  • पुलिस मुख्यालय अभिमत के साथ प्रस्ताव शासन को भेजेगा।

  • विधि विभाग की राय के बाद मामले मंत्रिपरिषद उप समिति को भेजे जाएंगे, और फिर अंतिम निर्णय कैबिनेट लेगी।

  • केंद्र से जुड़े मामलों के लिए भारत सरकार से अनुमति प्राप्त की जाएगी।

  • अन्य मामलों की वापसी न्यायालय में लोक अभियोजन अधिकारी के माध्यम से की जाएगी।

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2. जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) (द्वितीय) विधेयक, 2025 को स्वीकृति

राज्य के 14 अधिनियमों में संशोधन करने वाले छत्तीसगढ़ जन विश्वास विधेयक-2 के प्रारूप को कैबिनेट ने मंजूरी दी।

  • कई पुराने कानूनों में कठोर दंड और जटिल प्रावधानों के कारण न्यायिक प्रक्रिया लंबी हो रही थी।

  • संशोधन से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा मिलेगा।

  • इससे पहले राज्य सरकार 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में संशोधन कर पहला जन विश्वास अधिनियम, 2025 अधिसूचित कर चुकी है।

  • अब 11 विभागों के 14 अधिनियमों के 116 प्रावधानों को सरल बनाने के लिए यह नया विधेयक लाया जा रहा है।

मुख्य विशेषताएं

  • छोटे उल्लंघनों के लिए प्रशासकीय दंड का प्रावधान, ताकि मामले तेजी से निपटें और अदालतों का बोझ कम हो।

  • कई अधिनियमों में जुर्माने की राशि वर्षों से अपडेट नहीं थी। नए संशोधन प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

  • छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने जन विश्वास विधेयक का दूसरा संस्करण तैयार किया है।

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3. वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम अनुपूरक अनुमान हेतु विनियोग विधेयक को मंजूरी

  • मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2025 को विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए मंजूरी दी है।

  • यह विधेयक वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम अनुपूरक अनुमान से संबंधित है।