नहीं चलेगी ‘पेशी पर पेशी’: लंबित राजस्व प्रकरणों पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कड़ा संदेश
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने मंगलवार को मंत्रालय (महानदी भवन) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के कलेक्टरों और संभाग आयुक्तों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने विकास योजनाओं की प्रगति, रजत महोत्सव की तैयारियों और विशेष तौर पर लंबित राजस्व मामलों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि अब बार-बार पेशी पर पेशी का दौर खत्म होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि राजस्व प्रकरणों का निराकरण तय समयसीमा में ही किया जाए, अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
लंबित राजस्व मामलों पर नाराजगी
जिलेवार समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने नामांतरण, बंटवारा (विवादित-अविवादित), अभिलेख दुरुस्ती, सीमांकन, भू-अर्जन और डायवर्सन जैसे मामलों की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बार-बार की पेशियों से आमजन को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानी होती है। इससे सरकारी व्यवस्था पर लोगों का विश्वास भी कमजोर पड़ता है।
ई-कोर्ट में दर्ज होंगे सभी प्रकरण
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह ने निर्देश दिए कि हर राजस्व मामला ई-कोर्ट में दर्ज किया जाए, जिससे मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग आसान हो। तहसील स्तर पर विशेष अभियान चलाकर राजस्व रिकॉर्ड को दुरुस्त करने पर भी जोर दिया गया।
राष्ट्रीय राजमार्ग और अधोसंरचना परियोजनाएं
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग और भारतमाला परियोजनाओं में गति लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सड़क, रेल और अन्य अधोसंरचना कार्यों के लिए भू-अर्जन और मुआवजा वितरण शीघ्र पूरा किया जाए। खासकर बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित जिलों—दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर—में विकास कार्यों को सुरक्षा के साथ तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
पारदर्शिता और जवाबदेही होगी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अब राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोच्च प्राथमिकता है। “जनता को समय पर न्याय मिले, यही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है,” उन्होंने अधिकारियों से कहा।
किसान पंजीयन और डिजिटल फसल सर्वे
बैठक में किसान पंजीयन प्रक्रिया को तेज करने और डिजिटल फसल सर्वे को समयसीमा में पूरा करने पर विशेष जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पात्र किसानों का पंजीयन शीघ्र सुनिश्चित किया जाए।
रजत महोत्सव बनेगा जनभागीदारी का उत्सव
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरे होने पर चल रहे रजत महोत्सव को लेकर भी मुख्यमंत्री ने जिलों को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 25 सप्ताह तक चलने वाले इस आयोजन को जनता का उत्सव बनाया जाए। सभी जिलों में आयोजित कार्यक्रमों का विवरण पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और प्रचार-प्रसार पर खास ध्यान दिया जाएगा।
‘सेवा पखवाड़ा’ को मिलेगा महोत्सव से जोड़
मुख्यमंत्री ने बताया कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा, जो रजत महोत्सव का हिस्सा होगा। इसमें रक्तदान, स्वास्थ्य शिविर, राजस्व कैम्प और अन्य जनकल्याणकारी गतिविधियां होंगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से नागरिकों को सीधे जोड़कर सरकार-जनता के रिश्ते को और मजबूत किया जाए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, श्री पी. दयानंद, वित्त सचिव श्री मुकेश बंसल, पीसीसीएफ श्री सुनील मिश्रा, लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री कमलप्रीत सिंह, राजस्व सचिव श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले, संस्कृति विभाग के प्रबंध संचालक श्री विवेक आचार्य सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।