छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ED ने ₹6.15 करोड़ की संपत्ति की कुर्की, पूर्व मंत्री कवासी लखमा पर बड़ा आरोप
छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा कदम उठाया है। रायपुर स्थित ईडी की ज़ोनल टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत तीन अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से ज़ब्त किया है, जिनकी कुल कीमत लगभग ₹6.15 करोड़ बताई गई है।
ईडी की जांच एक प्राथमिकी पर आधारित है, जो छत्तीसगढ़ की एसीबी/ईओडब्ल्यू ने भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की थी। जांच में यह सामने आया कि राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को शराब घोटाले से हर माह ₹2 करोड़ की अवैध आमदनी हो रही थी। तीन वर्षों में यह राशि ₹72 करोड़ तक पहुंच गई।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, जांच के दौरान कई अहम सबूत हाथ लगे, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि लखमा ने इन अवैध पैसों का उपयोग संपत्तियों के निर्माण में किया। इनमें ₹68 लाख कांग्रेस भवन (सुकमा) के निर्माण में, ₹1.40 करोड़ अपने रिश्तेदार हरीश लखमा के घर के निर्माण में और ₹2.24 करोड़ रायपुर स्थित अपने घर के निर्माण में खर्च किए गए।
इस समय कवासी लखमा न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी के मुताबिक, यह शराब घोटाला वर्ष 2019 से 2022 के बीच चला और इससे राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। इस घोटाले से जुड़े predicate offences से कुल ₹2161 करोड़ की अवैध संपत्ति (POC) पैदा की गई।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी ईडी ने करीब ₹205 करोड़ की अचल संपत्तियों को जब्त किया था, और यह ताजा कार्रवाई उसी श्रृंखला का हिस्सा है।
ईडी की जांच अब भी जारी है।
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