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जनजातीय उत्थान को लेकर सरकार प्रतिबद्ध: छात्रावासों के लिए 85 करोड़ की पहली किश्त जारी, नई योजनाओं की समीक्षा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय (महानदी भवन) में आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने छात्रावास-आश्रम प्रबंधन के लिए विकसित नवीन पोर्टल का शुभारंभ किया तथा 2025-26 शैक्षणिक सत्र हेतु आश्रमों के संचालन के लिए 85 करोड़ रुपये की पहली किस्त का ऑनलाइन अंतरण किया।

मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार विशेष पिछड़ी जनजातियों एवं आदिवासी समाज के समग्र विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक जनजातीय परिवार को योजनाओं का लाभ मिले और वे विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं जैसे पीएम जनमन और धरती आबा का विशेष उल्लेख किया और इन योजनाओं को पूरी गंभीरता से लागू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने शिविरों के माध्यम से जरूरी दस्तावेज जैसे आधार, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र आदि के त्वरित वितरण की जरूरत पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने छात्रावासों की स्थिति पर असंतोष जताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां भी आवश्यक हो, आधुनिक सुविधाओं से युक्त छात्रावास बनाए जाएं। पेयजल, शौचालय, चारपाई, रसोई और अन्य मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। लापरवाही की स्थिति में सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।

उन्होंने आश्रमों की निगरानी के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करने पर जोर दिया और कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं मिलें, यह सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रयास विद्यालयों की समीक्षा करते हुए उन्होंने विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति, इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी पर फोकस करने की बात कही।

मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश में संचालित 20 क्रीड़ा परिसरों में खेल सुविधाओं को बेहतर बनाने और खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें आगे बढ़ने का मंच देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

नवा रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक जन आंदोलनों जैसे परलकोट, सोनाखान और भूमकाल विद्रोह को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय राज्य की आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने विभागीय कार्यों की विस्तृत प्रस्तुति दी। इस अवसर पर आदिम जाति विकास मंत्री श्री राम विचार नेताम, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, सचिव श्री राहुल भगत सहित वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनजातीय समाज की संस्कृति, शिक्षा और अधिकारों की रक्षा व विकास के लिए किए जा रहे प्रयास राज्य के विकास पथ को सशक्त आधार प्रदान कर रहे हैं।