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छत्तीसगढ़ सरकारी नौकरी में फाइव डे वर्क सिस्टम पर ब्रेक, अब छह दिन ऑफिस अनिवार्य

छत्तीसगढ़ की सरकारी दफ्तरों में लागू पांच दिवसीय कार्य प्रणाली जल्द ही इतिहास बनने वाली है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार इसे समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। यदि यह निर्णय लागू होता है, तो अब कर्मचारियों को शनिवार को भी कार्यालय जाना पड़ेगा, यानी हफ्ते में सिर्फ रविवार को अवकाश मिलेगा।

इससे पहले, कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य में फाइव डे वर्क कल्चर को लागू किया था। इस व्यवस्था के तहत सरकारी कर्मियों को शनिवार और रविवार, दोनों दिन अवकाश मिलता था। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को मानसिक राहत और बेहतर कार्य संतुलन प्रदान करना था।

गृह विभाग ने जारी किया प्रस्ताव

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छत्तीसगढ़ गृह विभाग ने सभी विभागों को सूचित किया है कि शनिवार की छुट्टी को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही, कार्यालयों में छह दिवसीय कार्य सप्ताह की वापसी हो रही है।

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कर्मचारियों में नाराज़गी की संभावना

सरकार के इस कदम के खिलाफ कर्मचारी संगठनों ने विरोध के संकेत दिए हैं। उनका मानना है कि दो दिन की साप्ताहिक छुट्टी से कार्य उत्पादकता और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है। यदि शनिवार की छुट्टी समाप्त की जाती है, तो इससे कर्मचारियों के बीच असंतोष फैल सकता है।

राजनीतिक दृष्टिकोण

यह निर्णय राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कांग्रेस जहां इसे कर्मचारियों के हितों के खिलाफ बता रही है, वहीं भाजपा इसे प्रशासनिक अनुशासन और कार्य दक्षता बढ़ाने की दिशा में जरूरी कदम बता सकती है।

आगे क्या?

फिलहाल सरकार की ओर से इस पर अंतिम निर्णय की घोषणा बाकी है, लेकिन यदि सब कुछ योजनानुसार चलता है, तो छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को जल्द ही सप्ताह में छह दिन कार्य करना होगा और केवल रविवार को अवकाश मिलेगा।