कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम निर्णय: शिक्षा, संस्कृति और उद्योग क्षेत्र में बड़े बदलावों की घोषणा
शिक्षा के क्षेत्र में नई पहल – मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान
राज्य के शासकीय स्कूलों में शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस अभियान का उद्देश्य स्कूलों की ग्रेडिंग, पालक-शिक्षक सहभागिता और कक्षा शिक्षण में सुधार के ज़रिए छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को बेहतर बनाना है।
अभियान के तहत कमजोर स्कूलों की मॉनीटरिंग वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा की जाएगी। साथ ही मॉडल स्कूलों में शैक्षणिक भ्रमण कराकर शिक्षकों को प्रेरित किया जाएगा। शिक्षा विभाग शीघ्र ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।
कलाकारों को बड़ी राहत – पेंशन में 150% की वृद्धि
राज्य सरकार ने साहित्य और कला के क्षेत्र में जीवन यापन कर रहे जरूरतमंद कलाकारों और साहित्यकारों को बड़ी सौगात दी है। उनकी मासिक पेंशन ₹2000 से बढ़ाकर ₹5000 कर दी गई है। यह निर्णय संस्कृति विभाग की वित्तीय सहायता योजना (1986) में संशोधन कर लागू किया गया है।
इस बदलाव से 162 कलाकारों को प्रत्यक्ष लाभ होगा और राज्य पर सालाना ₹58.32 लाख का अतिरिक्त व्यय आएगा। यह निर्णय ऐसे कलाकारों के लिए राहत का संबल बनकर आया है, जो आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं।
उद्योगों को बढ़ावा – नीति और नियमों में संशोधन
राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन को कैबिनेट की स्वीकृति मिली है। इससे भूमि आवंटन प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी तथा सरल बनेगी, जिससे निवेशकों को सहूलियत मिलेगी।
औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में व्यापक संशोधन
राज्य की नई औद्योगिक नीति को और अधिक प्रभावी और रोजगारपरक बनाने के लिए इसमें कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं:
- स्थानीय युवाओं को मिलेगा प्राथमिकता: स्थानीय लोगों को नौकरी देने वाली इकाइयों को विशेष अनुदान मिलेगा।
- हाइटेक खेती को प्रोत्साहन: हाइड्रोपोनिक, एयरोपोनिक जैसी आधुनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- खेल व ट्रेनिंग केंद्रों को समर्थन: निजी खेल अकादमियों और प्रशिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- पर्यटन में नई जान: बस्तर और सरगुजा में होटल व रिसॉर्ट निवेश की न्यूनतम सीमा घटाई गई।
- टेक्सटाइल सेक्टर को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन: सिलाई, कढ़ाई जैसे कार्यों को दो गुना प्रोत्साहन मिलेगा।
- लॉजिस्टिक्स हब का विकास: राज्य को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में नीति लाई जाएगी।
- दिव्यांगजनों के लिए विशेष सुविधाएं: उनकी परिभाषा का विस्तार कर अधिक योजनाओं में उन्हें लाभ मिलेगा।
- निजी स्कूल, मॉल व मल्टीप्लेक्स को थ्रस्ट सेक्टर में शामिल किया जाएगा, ताकि नगरीय व दूरस्थ क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिले।
इन सभी निर्णयों से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा, संस्कृति और उद्योग तीनों क्षेत्रों में संतुलित विकास की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अगुवाई में यह कैबिनेट बैठक राज्य के भविष्य को दिशा देने वाले फैसलों की गवाह बनी।