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सिंचाई परियोजनाओं से किसानों को मिले सीधे लाभ : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सोमवार को राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के सिंचाई ढांचे को मजबूत बनाना और किसानों को योजनाओं का सीधा लाभ सुनिश्चित करना था। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सिंचाई परियोजनाओं के रखरखाव एवं जल उपयोग की दक्षता बढ़ाने पर प्राथमिकता से कार्य किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल संसाधनों का प्रभावी और समुचित उपयोग सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है, ताकि कृषि क्षेत्र को अधिकतम लाभ मिल सके। उन्होंने नहरों से जल आपूर्ति के दौरान होने वाले अपव्यय को रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर बल दिया और अंडरग्राउंड पाइपलाइन सिस्टम जैसे उपायों पर गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए।

अधूरी परियोजनाएं जल्द हो पूरी

श्री साय ने बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में लंबे समय से अटकी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन बड़ी परियोजनाओं को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए, जिससे किसानों को समय पर सिंचाई सुविधा मिल सके।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ऐसी योजनाएं तैयार की जाएं जिनसे भारत सरकार से वित्तीय सहयोग हासिल किया जा सके। विशेष रूप से उन्होंने राज्य के उन 26 विकासखंडों पर ध्यान देने के निर्देश दिए जो भू-जल की दृष्टि से ‘क्रिटिकल’ या ‘सेमी-क्रिटिकल’ घोषित किए गए हैं।

जल उपयोग दक्षता और फील्ड विजिट पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में जाकर योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि योजनाएं कागजों में नहीं, ज़मीन पर दिखें। उन्होंने कहा कि सिंचाई योजनाओं में जिस क्षमता का प्रावधान किया गया है, और जो वास्तविक लाभ मिल रहा है, उनके बीच के अंतर को पाटने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाए।

बैठक में मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति

समीक्षा बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप भी उपस्थित रहे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से निर्माणाधीन योजनाओं को गति देने के निर्देश दिए। जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो ने विभाग की गतिविधियों का प्रस्तुतिकरण करते हुए मुख्यमंत्री को प्रस्तावित और प्रगति पर चल रही सिंचाई योजनाओं की जानकारी दी।

मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, विशेष सचिव (वित्त) श्रीमती शीतल शाश्वत वर्मा, प्रमुख अभियंता श्री इन्द्रजीत उइके सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।