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रायगढ़ बना छत्तीसगढ़ का पहला डिजिटल पंचायत जिला, अब गांवों में भी यूपीआई से हो रही टैक्स वसूली

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले ने राज्य में डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ते हुए इतिहास रच दिया है। यह प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जहां सभी ग्राम पंचायतों में टैक्स और शुल्कों का भुगतान अब डिजिटल माध्यम—यूपीआई (UPI)—से किया जा रहा है।

अब ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग प्रॉपर्टी टैक्स, बाजार शुल्क, जलकर और स्वच्छता कर जैसी देनदारियों का भुगतान सीधे अपने मोबाइल फोन से कर पा रहे हैं। पंचायत भवनों और प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिससे घर बैठे डिजिटल भुगतान संभव हो सका है।

रायगढ़ की 549 ग्राम पंचायतों में इस डिजिटल व्यवस्था को लागू किया गया है, जो कि स्थानीय शासन व्यवस्था के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है।

पारदर्शिता और राजस्व में आई जबरदस्त बढ़ोतरी

डिजिटल भुगतान प्रणाली ने न केवल पंचायत व्यवस्था को पारदर्शी बनाया है, बल्कि इससे राजस्व में भी भारी इजाफा हुआ है। पूर्व कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने 12 मार्च को प्रधानमंत्री अवॉर्ड स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष इस नवाचार मॉडल की प्रस्तुति दी थी, जिसमें बताया गया कि यूपीआई से टैक्स वसूली में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 117% की वृद्धि दर्ज की गई है।

कई पंचायतों में जहां पहले मैनुअल भुगतान में दिक्कतें आती थीं, अब ग्रामीण मोबाइल से आसानी से टैक्स भर रहे हैं। विशेष बात यह है कि आदिवासी बहुल पांच ब्लॉकों में भी यह व्यवस्था प्रभावी रूप से लागू की गई है।

330 बिरहोर परिवारों ने भी अपनाई डिजिटल व्यवस्था

डिजिटल समावेशन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए 330 पीवीटीजी (अत्यंत पिछड़ी जनजाति) बिरहोर परिवारों ने भी यूपीआई के माध्यम से टैक्स देना शुरू कर दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल इंडिया की पहल अब समाज के हर वर्ग तक पहुंच रही है।

ग्राम सभाओं में बढ़ी भागीदारी, महिलाओं की भूमिका अहम

डिजिटल लेन-देन से जहां वित्तीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता आई है, वहीं इससे ग्राम सभाओं में भी लोगों की भागीदारी बढ़ी है। तीन पंचायतों में किए गए विश्लेषण में यह पाया गया कि सभाओं में उपस्थिति 57% तक बढ़ी है। इसके अलावा महिला स्व-सहायता समूहों और बीसी सखियों द्वारा किए गए लेन-देन में भी निरंतर वृद्धि हुई है। वर्ष 2022-23 में जहां करीब 39.69 करोड़ का लेन-देन हुआ था, वहीं 2025 में यह फरवरी तक ही 46.50 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

अब पूरे प्रदेश के लिए आदर्श बना रायगढ़

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जितेन्द्र यादव ने बताया कि तत्कालीन कलेक्टर श्री गोयल और वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी के मार्गदर्शन में यह अभियान शुरू हुआ था, जिसे अब वर्तमान कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के नेतृत्व में पूरी गति से आगे बढ़ाया जा रहा है। सभी पंचायतों के खातों को यूपीआई से जोड़कर टैक्स संग्रहण की प्रक्रिया को अत्यंत सरल और पारदर्शी बनाया गया है।

आज रायगढ़ की यह पहल न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बनकर उभरी है। डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को साकार करते हुए यह जिला अब डिजिटल पंचायत शासन की पहचान बन चुका है।