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सीमावर्ती गांव की बैगा छात्रा बनी टॉपर, मुख्यमंत्री से मिली सराहना और सम्मान

छत्तीसगढ़ के सुदूर वनांचल और मध्यप्रदेश की सीमा से सटे गांवों में शिक्षा की अलख अब रंग ला रही है। इसी की मिसाल पेश की है कंगना बैगा ने, जो विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय से हैं। सीमावर्ती गांव कुवारपुर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा कंगना ने हाईस्कूल परीक्षा में 83.67% अंक प्राप्त कर स्कूल टॉप किया है।

गांव में गूंजा जश्न, मुख्यमंत्री ने की मुलाकात

गांव और स्कूल में कंगना की इस उपलब्धि पर जश्न का माहौल है। इसी बीच मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ‘सुशासन तिहार-2025’ के निरीक्षण कार्यक्रम के तहत अचानक माथमौर गांव पहुंचे, जो एमसीबी जिले के भरतपुर विकासखंड में स्थित है। जब बच्चों को पता चला कि मुख्यमंत्री गांव आए हैं, तो वे अपनी सफलता साझा करने उनके पास पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने भी बच्चों से आत्मीयता से संवाद किया और उनके सपनों, करियर और पारिवारिक हालात पर आत्मीयता से चर्चा की। उन्होंने कंगना समेत स्कूल के अन्य मेधावी छात्रों — मीनाक्षी शुक्ला (82.83%), 12वीं के विद्यासागर तिवारी, सचिन कुमार बांधे और कु. शशि सिंह को सम्मान स्वरूप पेन भेंट कर प्रोत्साहित किया।

शिक्षा को लेकर बढ़ रही जागरूकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अंतिम छोर तक शिक्षा की पहुंच और जागरूकता देखकर संतोष होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे जो विपरीत परिस्थितियों में भी मेहनत कर रहे हैं, वे समाज के लिए प्रेरणा हैं।

सुशासन तिहार के अंतर्गत राज्यभर में समाधान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं अनेक जगह पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं। इसी क्रम में माथमौर जैसे दूरस्थ अंचलों में पहुंचकर उन्होंने योजनाओं की ज़मीनी हकीकत भी देखी।

बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम भी रहा ऐतिहासिक

गौरतलब है कि 7 मई को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा घोषित हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी परीक्षा परिणामों को मुख्यमंत्री ने स्वयं जारी किया। राज्य में शिक्षा को लेकर उनकी प्रतिबद्धता अब ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों से भी रंग लाने लगी है, जहां अब बेटियां भी आत्मविश्वास से आगे बढ़ रही हैं।