छत्तीसगढ़ में ग्रामीण आवास क्रांति की नई इबारत, हर जरूरतमंद को पक्का घर
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में ग्रामीण विकास और सामाजिक उत्थान का नया अध्याय रचा जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा ‘मोर दुवार–साय सरकार’ अभियान के माध्यम से गरीब, वंचित और बेघर परिवारों तक पहुँच बनाकर उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत पक्के मकान उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने हाल ही में जगदलपुर के घाटपदमपुर गांव से इस विशेष अभियान की शुरुआत की थी। पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही उन्होंने 18 लाख परिवारों को आवास स्वीकृत करने का निर्णय लेकर सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट कर दी थी। उनका संकल्प है कि राज्य के हर पात्र परिवार को सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराया जाए।
गांव-गांव में बदलाव की तस्वीर साफ दिख रही है। पहले जहां झोपड़ियाँ और कच्चे मकान नजर आते थे, अब वहाँ ईंट-पत्थर से बने मजबूत और सुंदर मकान खड़े हैं। राज्य के मैदानी इलाकों से लेकर सुदूर वनांचलों तक हर गांव और टोले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने पक्के घरों की श्रृंखला देखी जा सकती है। यह पहल न केवल गरीबों को छत दे रही है, बल्कि निर्माण से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों को भी गति दे रही है, जिससे स्थानीय व्यापार और उद्योगों को भी नया जीवन मिला है।
भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 11.5 लाख ग्रामीण आवासों का लक्ष्य दिया था, जिसमें से 9.41 लाख आवासों को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हालिया प्रवास के दौरान राज्य को तीन लाख और अतिरिक्त आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिससे यह पहल और व्यापक हो गई है।
राज्य सरकार विशेष पिछड़ी जनजातियों जैसे बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, अबूझमाड़िया और बिरहोर परिवारों को भी प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पक्का आवास उपलब्ध करा रही है। उदाहरणस्वरूप, महासमुंद जिले के धनसुली गांव में 15 से अधिक कमार परिवारों को नए घर मिले हैं, जिससे उनके जीवन में स्थायित्व और शासन योजनाओं का लाभ लेने की सुविधा बढ़ी है।
‘मोर दुवार–साय सरकार’ अभियान तीन चरणों में 30 अप्रैल तक संचालित हो रहा है, जिसमें घर-घर सर्वेक्षण कर पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार की जा रही है। ग्राम सभाओं में सूची वाचन कर पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है। सर्वेक्षण कार्य पूरा करने वाले कर्मियों का सार्वजनिक सम्मान भी किया जाएगा। स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा गांवों में जाकर सर्वेक्षण कार्य का शुभारंभ करना सरकार की गंभीरता और प्रतिबद्धता का परिचायक है।
इस जन आंदोलन में जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय कलाकारों की सक्रिय भागीदारी देखी जा रही है। पीएम आवास पंचायत एम्बेसडरों की मदद से लोगों को योजना के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। साथ ही गृह पोर्टल के माध्यम से सारी जानकारी सहज और पारदर्शी रूप से उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अलावा, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत भी राज्य सरकार द्वारा गरीब परिवारों को सहायता दी जा रही है। इस योजना में 47,090 आवासों के लक्ष्य के मुकाबले 38,632 घर स्वीकृत किए जा चुके हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए भी 15,000 विशेष आवासों का निर्माण किया जा रहा है।
विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 42,326 मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 6,482 मकान पूरे भी हो चुके हैं। नियद-नेल्ला-नार योजना के तहत 477 आवासों का निर्माण भी संपन्न हो चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन बिलासपुर से 3 लाख हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया था, जो इस योजना की सफलता का सजीव प्रमाण है। वहीं मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने उन 18 लाख परिवारों को आवास का अधिकार दिलाने का बीड़ा उठाया है जिन्हें पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में वंचित रखा गया था।
‘मोर दुवार–साय सरकार’ अभियान केवल एक योजना नहीं, बल्कि संवेदनशील प्रशासन, पारदर्शी नीति और जनता के प्रति राज्य सरकार की गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक बन चुका है। यह पहल एक समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में एक मजबूत कदम है।