आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर नवा रायपुर, अटल नगर विकास प्राधिकरण बना कर्जमुक्त
छत्तीसगढ़ की नवगठित राजधानी नवा रायपुर ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अटल नगर विकास प्राधिकरण ने वर्षों से चला आ रहा लगभग 1788 करोड़ रुपये का कर्ज पूरी तरह चुका दिया है और अब खुद को ‘कर्जमुक्त’ घोषित कर दिया है। साथ ही 100 करोड़ रुपये की राज्य सरकार की गारंटी भी लौटा दी गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्राधिकरण अब आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो चुका है।
इस सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व को जाता है, जिन्होंने पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और नीति-निर्धारण में व्यावहारिक सोच के बल पर यह उपलब्धि हासिल की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ एक वित्तीय निर्णय नहीं, बल्कि नवा रायपुर को आत्मनिर्भर और विकासशील राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है।
नवा रायपुर की अधोसंरचना—जिसमें सड़कें, शासकीय भवन, और शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं—के विकास के लिए पूर्व में बड़े पैमाने पर ऋण लिया गया था। लेकिन ब्याज और ऋण की किस्तों ने प्राधिकरण की वित्तीय स्थिति को बाधित कर दिया था। सरकार ने समय रहते नीतिगत सुधार किए, जिससे न केवल आय में वृद्धि हुई, बल्कि प्राधिकरण को कर्ज से मुक्ति भी मिली।
राज्य सरकार द्वारा मेडिसिटी, फार्मास्यूटिकल हब, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान जैसे प्रोजेक्ट्स की शुरुआत ने निजी निवेशकों को आकर्षित किया। इसके साथ ही तृतीय अनुपूरक बजट 2024-25 में नवा रायपुर प्राधिकरण के लिए 1043 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया, जिससे राजस्व के नए स्रोत मजबूत हुए।
अब जबकि प्राधिकरण ऋण-मुक्त हो गया है, उसकी परिसंपत्तियों पर कोई बंधक नहीं है। इससे भूमि खरीद-बिक्री और उपयोग की प्रक्रिया सरल होगी, और विकास परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू किया जा सकेगा।
वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी के अनुसार, नवा रायपुर अब प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाला एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। आरबीआई, नाबार्ड, एनटीपीसी जैसे संस्थानों की मौजूदगी के साथ-साथ मेडिकल सुविधाओं और आईटी सेक्टर में हो रहे विस्तार ने इस क्षेत्र की संभावनाओं को और मजबूत किया है।
राज्य सरकार की योजना है कि नवा रायपुर को चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाया जाए। मेडिसिटी और एडुसिटी जैसे प्रोजेक्ट्स के लिए करीब 100-100 एकड़ भूमि चिन्हांकित की गई है। साथ ही, पुस्तकालय, साईंस सिटी, ई-बस सेवा, सीवरेज ट्रीटमेंट और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स जैसी आधुनिक सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।
आईटी सेक्टर के लिए बनाए जा रहे सीबीडी टॉवर में लगभग 2000 युवाओं को रोजगार मिलेगा, जहां टेली परफॉर्मेंस, स्क्वायर बिजनेस और सीएसएम जैसी कंपनियों को स्थान आवंटित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य केवल राजधानी का विकास नहीं, बल्कि उसे पूरे देश के लिए शहरी नियोजन का एक आदर्श मॉडल बनाना है। नवा रायपुर की यह उपलब्धि निश्चित रूप से देश के अन्य विकास प्राधिकरणों के लिए एक मिसाल है।