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बस्तर में विकास कार्यों की रफ्तार पर मुख्यमंत्री साय ने कसी कमर, नक्सल उन्मूलन और योजनाओं की पहुंच पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर संभाग में विकास की गति को और तेज़ करने के निर्देश देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी रुकावट के पहुंचे। बस्तर कलेक्ट्रेट के ‘प्रेरणा’ सभागार में आयोजित संभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शासन का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू करना है।

नक्सलवाद पर कड़ा रुख, 2026 तक उन्मूलन का संकल्प

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री साय ने नक्सलवाद के विरुद्ध सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि यह लड़ाई अब अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से यह अभियान सुनियोजित रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है और 31 मार्च 2026 तक इस चुनौती को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने सुरक्षा बलों के साहस और समर्पण की सराहना की और कहा कि यह जमीनी स्तर पर हो रहे प्रयासों का ही परिणाम है कि अब बस्तर शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

योजनाओं की समीक्षा: जनभागीदारी और पारदर्शिता पर बल

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि योजनाएं सिर्फ आंकड़ों तक सीमित न रहें, बल्कि इसका वास्तविक प्रभाव जमीन पर दिखना चाहिए। उन्होंने आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, आधार पंजीकरण, किसान सम्मान निधि, जनधन योजना जैसे कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की और जहां कमी है, वहां तत्काल सुधार के निर्देश दिए। विशेष रूप से आधार और आयुष्मान कार्ड के शत-प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति के लिए अभियान चलाने को कहा गया।

बस्तर की बदली पहचान: अब संभावनाओं का प्रवेश द्वार

श्री साय ने कहा कि बस्तर अब पिछड़ेपन की नहीं, बल्कि संभावनाओं और प्रगति की तस्वीर बन रहा है। उन्होंने कहा कि “हमारा मंत्र है — हर हाथ को हुनर, हर घर को उजाला और हर युवा को अवसर।” बस्तर के युवाओं को रोजगार और कौशल विकास से जोड़ने पर विशेष बल देते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं के तहत शत-प्रतिशत प्लेसमेंट सुनिश्चित करने को कहा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और संचार सुविधाओं में तेजी

दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि शीघ्र ही मोबाइल टावर लगाने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था को मज़बूत करने, नियमित बस सेवाएं शुरू करने और निर्माण कार्यों को मानसून से पहले पूर्ण करने पर जोर दिया गया।

बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय प्रगति

बैठक में बताया गया कि बस्तर संभाग में 95.89% घरों में बिजली पहुंच चुकी है, कांकेर जिले में तो यह लक्ष्य पहले ही पूरा हो चुका है। अन्य जिलों में शेष कार्य दिसंबर 2025 तक पूरे करने के निर्देश दिए गए। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने गर्मी और बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए दवाइयों और चिकित्सकीय सेवाओं की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जनसहभागिता बनी बदलाव की पहचान

मुख्यमंत्री ने बस्तर ओलंपिक और पंडुम जैसे आयोजनों की चर्चा करते हुए कहा कि ये सिर्फ खेल और संस्कृति के कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह संकेत हैं कि आम जनता अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि शासन का दायित्व है कि इस विश्वास को मज़बूती मिले।

उपमुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी

बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि बस्तर का बदलता परिदृश्य शासन और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने निर्माण कार्यों को समयसीमा में पूरा करने और योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी बनाने पर बल दिया।

बस्तर संभाग के आयुक्त श्री डोमन सिंह ने विभिन्न विभागों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, डीजीपी श्री अरुण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह सहित सभी जिले के कलेक्टर, एसपी, विभागीय अधिकारी तथा अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

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