छत्तीसगढ़ के कॉलेज और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर होंगे आवारा कुत्तों की निगरानी के नोडल अधिकारी
छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के बाद अब कॉलेज और विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों को आवारा कुत्तों की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी शासकीय और अशासकीय उच्च शिक्षा संस्थानों को इस संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आदेश के अनुसार, अब संस्थानों के परिसर में आवारा कुत्तों की गतिविधियों पर नजर रखना, उन्हें नियंत्रित करना और उनसे उत्पन्न होने वाली किसी भी घटना को रोकना सीधे संबंधित संस्थानों की जिम्मेदारी होगी। इसके लिए प्रत्येक संस्थान में एक प्रोफेसर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। नोडल अधिकारी नगर निगम या पालिका से समन्वय करके इस जिम्मेदारी को पूरा करेंगे।
निर्देश में कहा गया है कि नोडल अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर और हेल्पलाइन जानकारी संस्थान में डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, बोर्ड की फोटो वॉट्सऐप के माध्यम से उच्च शिक्षा संचालनालय को भेजना भी जरूरी होगा। विभाग ने इस प्रक्रिया के लिए विशेष मोबाइल नंबर जारी किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी संस्थान आदेश का पालन कर रहे हैं।
उच्च शिक्षा आयुक्त कार्यालय, नवा रायपुर के आदेश में कहा गया है कि यह कदम सर्वोच्च न्यायालय में चल रही Suo Moto Writ Petition (Civil) No. 05/2025 के निर्देशों के पालन में उठाया गया है। इसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों को कुल 13 बिंदुओं में विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ के इस नए आदेश से यह उम्मीद की जा रही है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में आवारा कुत्तों से होने वाली परेशानियों और सुरक्षा संबंधी खतरों को कम किया जा सकेगा।

