मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उत्कल दिवस पर मधुसूदन दास को अर्पित की श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज उत्कल दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित महिला थाना चौक (मधुसूदन दास चौक) में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बैरिस्टर मधुसूदन दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्कल समाज और ओडिशा वासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन ओडिशा राज्य की स्थापना की ऐतिहासिक यात्रा को सम्मान देने का अवसर है।
ओडिशा राज्य स्थापना दिवस को बताया आत्मगौरव और एकता का प्रतीक
मुख्यमंत्री श्री साय ने उत्कल समाज और ओडिशा वासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिवस केवल एक राज्य के गठन का उत्सव नहीं, बल्कि संघर्ष, आत्मगौरव और सांस्कृतिक एकता की प्रेरणा भी है। उन्होंने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में निवास कर रहे उत्कल समाज के योगदान की सराहना की और कहा कि यह समाज प्रदेश की सामाजिक समरसता और विविधता को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बैरिस्टर मधुसूदन दास के योगदान को किया स्मरण
मुख्यमंत्री श्री साय ने बैरिस्टर मधुसूदन दास के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके अथक प्रयासों और संघर्षों के कारण ही 1 अप्रैल 1936 को ओडिशा एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं। भगवान श्री जगन्नाथ को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद के लिए देवभोग क्षेत्र से भेजा जाने वाला चावल इन गहरे संबंधों का प्रतीक है।
महाप्रभु जगन्नाथ से प्रदेशवासियों के कल्याण की प्रार्थना
मुख्यमंत्री ने भगवान श्री जगन्नाथ से प्रदेशवासियों की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की और विश्वास जताया कि उनका आशीर्वाद सदैव छत्तीसगढ़ पर बना रहेगा। उन्होंने कहा कि ओडिशा और छत्तीसगढ़ का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रिश्ता आने वाले समय में और मजबूत होगा।
इस अवसर पर विधायक श्री किरण देव, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, विधायक श्री सुनील सोनी, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, सभापति श्री सूर्यकांत राठौर, श्री संजय श्रीवास्तव, उत्कल समाज के सदस्य एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।