छत्तीसगढ़ बना जनजातीय उद्यमिता में देश का अग्रणी राज्य, स्टार्टअप्स ने नई दिल्ली में बढ़ाया गौरव
नई दिल्ली स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ट्राइबल बिजनेस कॉन्क्लेव-2025 में छत्तीसगढ़ के स्टार्टअप्स ने अपनी प्रतिभा और नवाचार का परिचय देकर राज्य का गौरव बढ़ाया। इस कार्यक्रम में देशभर के उद्यमी, नीति-निर्माता और स्टार्टअप प्रतिनिधि शामिल हुए।
कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ पवेलियन का निरीक्षण केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल उरांव ने किया। दोनों मंत्रियों ने स्टार्टअप्स के स्टॉलों का अवलोकन करते हुए उनके नवाचारों की सराहना की और इसे जनजातीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने वाला उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
छत्तीसगढ़ निवेश आयुक्त श्रीमती ऋतु सेन ने राज्य में उद्यमिता और निवेश को बढ़ावा देने वाली पहलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जनजातीय क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता, परामर्श और विपणन सहयोग जैसी सुविधाएँ प्रदान कर रही है। उनका उद्देश्य स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक उद्यमिता से जोड़कर सतत आजीविका के अवसर सृजित करना है।
कॉन्क्लेव में छत्तीसगढ़ के अनेक स्टार्टअप्स ने भाग लिया, जिनमें सिद्धार्थ एग्रोमार्केटिंग, अंकुरण सीड्स, कोशल, शांति आनंद वेलनेस, बस्तर से बाजार तक, कोईतूर फिश कंपनी, कोया बाजार, एग्रोफैब और हेमल फूड प्रोडक्ट्स शामिल थे। इन स्टार्टअप्स ने कृषि विपणन, बीज उत्पादन, जनजातीय हस्तशिल्प, फूड प्रोसेसिंग, वेलनेस उत्पाद और वनोपज आधारित व्यापार में अपनी अभिनव पहलें प्रस्तुत की।
इस सम्मेलन ने न केवल निवेशकों और नीति-निर्माताओं को एक साझा मंच प्रदान किया, बल्कि छत्तीसगढ़ को समावेशी और समुदाय-केंद्रित उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले अग्रणी राज्य के रूप में प्रस्तुत किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उद्योग संचालनालय के संयुक्त संचालक श्री संजय गजघाटे और निवेश आयुक्त कार्यालय की महाप्रबंधक सुश्री अंजली पटेल भी उपस्थित थीं।

