छत्तीसगढ़ बनेगा मध्य भारत का टेक्नोलॉजी और नवाचार हब, मुख्यमंत्री ने किया ‘मेक इन सिलिकॉन’ संगोष्ठी का शुभारंभ
रायपुर, 07 नवम्बर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) नवा रायपुर के 10वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय ‘मेक इन सिलिकॉन’ संगोष्ठी का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहल भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक कदम प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष मना रहा है और आज ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ का भी विशेष अवसर है। उन्होंने प्रदेशवासियों और ट्रिपल आईटी परिवार को शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित यह संस्थान शिक्षा, औद्योगिक विकास और नवाचार को जोड़ने का महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है।
उन्होंने आगे कहा कि सेमीकंडक्टर आज आधुनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। मोबाइल, रक्षा प्रणालियाँ, सैटेलाइट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी सभी तकनीकें इसमें शामिल हैं। ऐसे में ‘मेक इन सिलिकॉन’ जैसी पहल भारत की चिप क्रांति को नई दिशा देने में सहायक होगी। मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर में सेमीकंडक्टर यूनिट के भूमिपूजन का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे और राज्य को आईटी तथा नवाचार हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब उच्च शिक्षा और तकनीकी विकास में अग्रणी बन चुका है। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि नवाचार, कौशल और काबिलियत ही भविष्य में सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने तकनीकी दक्षता और शोध पर जोर देने का आह्वान किया।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि ‘मेक इन सिलिकॉन’ संगोष्ठी सेमीकंडक्टर और औद्योगिक क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि छात्रों और शोधकर्ताओं का नवाचार भारत की तकनीकी पहचान को नई ऊँचाई देगा।
IIIT नवा रायपुर के निदेशक प्रो. ओम प्रकाश व्यास ने संस्थान की 10 वर्षों की उपलब्धियों से अवगत कराते हुए बताया कि छात्रों के कौशल विकास और उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। संगोष्ठी में ट्रिपल आईटी इलाहाबाद, आईआईटी इंदौर और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
इस आयोजन का उद्देश्य भारत की सेमीकंडक्टर क्षमताओं को मजबूत करना और आत्मनिर्भर सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण को प्रोत्साहित करना है। संगोष्ठी में वीएलएसआई डिजाइन, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, नैनोइलेक्ट्रॉनिक्स, एमईएमएस और क्वांटम डिवाइस जैसे तकनीकी क्षेत्रों पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिभागियों से आह्वान किया कि मिलकर छत्तीसगढ़ को मध्य भारत का टेक्नोलॉजी और नवाचार हब बनाएं और भारत के सेमीकंडक्टर मिशन में सक्रिय योगदान दें। संगोष्ठी ने राज्य और देश दोनों के लिए नवाचार, ज्ञान-विनिमय और औद्योगिक विकास का एक सशक्त मंच तैयार किया है।

