छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई अहम फैसले, दिव्यांगजनों और शासकीय कर्मचारियों के हित में निर्णय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय, महानदी भवन में मंगलवार को आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन फैसलों में शासकीय सेवकों की वित्तीय सहायता, दिव्यांगजनों को राहत, शिक्षा विभाग में भर्ती नियमों में शिथिलता और प्रशासनिक बदलाव प्रमुख रहे।
शासकीय सेवकों को मिलेगा वेतन के विरुद्ध अल्पावधि ऋण
राज्य सरकार ने शासकीय कर्मचारियों की आकस्मिक वित्तीय आवश्यकताओं को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। अब कर्मचारियों को वेतन के विरुद्ध अल्पकालीन ऋण बैंकों या वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के लिए वित्त विभाग को अधिकृत किया गया है कि वह पात्र बैंकों/वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित करे और उनके साथ एमओयू (MoU) भी संपादित करे।
दिव्यांगजनों को राहत, 24.5 करोड़ की राशि एकमुश्त लौटाई जाएगी
कैबिनेट ने राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (NDFDC) से लिए गए ₹24.50 करोड़ के बकाया ऋण को एकमुश्त चुकाने का निर्णय लिया है। यह कदम राज्य के दिव्यांगजनों को 3% ब्याज दर पर स्वरोजगार और शिक्षा के लिए दिए जा रहे ऋण को जारी रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस फैसले से हजारों दिव्यांगजन लाभान्वित होंगे और उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रोत्साहन मिलेगा।
स्पेशल एजुकेटर की भर्ती में नियमों में दी जाएगी एक बार की छूट
कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग को 100 स्पेशल एजुकेटर की सीधी भर्ती के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम-2019 में एक बार के लिए शिथिलता प्रदान करने की मंजूरी दी गई। सामान्यतः इन पदों पर चयन परीक्षा के माध्यम से भर्ती होती है, लेकिन इस बार केवल मेरिट के आधार पर भर्ती की जाएगी। यह निर्णय राज्य में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की शिक्षा को और सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
प्रशासनिक फेरबदल: विकास शील बने नए मुख्य सचिव
मंत्रिपरिषद की बैठक में सेवानिवृत्त हो रहे मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन (IAS, 1989 बैच) को सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। उनके स्थान पर श्री विकास शील (IAS, 1994 बैच) को नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। कैबिनेट ने श्री जैन के लंबे प्रशासनिक योगदान की सराहना की और श्री शील का स्वागत किया।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लिए गए ये निर्णय राज्य के प्रशासनिक, शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव की दिशा में उठाए गए कदम हैं। दिव्यांगजनों और कर्मचारियों को राहत पहुंचाने वाले फैसले, शिक्षा क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया में लचीलापन, और प्रशासनिक नेतृत्व में बदलाव — ये सभी राज्य के समग्र विकास को गति देने में सहायक सिद्ध होंगे।

