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अतीत की स्वर्णिम स्मृतियों से जोड़ने और हमारे अमूल्य विरासत को संजोने का महान संकल्प है चक्रधर समारोह: राज्यपाल रमेन डेका

रायपुर, 27 अगस्त 2025। चक्रधर समारोह अतीत की स्वर्णिम स्मृतियों से जुड़ने और हमारी अमूल्य सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का महान संकल्प है। राजा चक्रधर सिंह ने रायगढ़ की धरती से कला और संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का जो सपना देखा था, यह उत्सव उसी स्वप्न का साकार रूप है। बुधवार को रायगढ़ जिले में आयोजित 40वें चक्रधर समारोह का भव्य शुभारंभ राज्यपाल रमेन डेका ने किया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान गणपति की पूजा-अर्चना की और संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया।

छत्तीसगढ़ और असम का सांस्कृतिक संबंध

राज्यपाल रमेन डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा को हम रजत जयंती के रूप में मना रहे हैं और इस यात्रा में चक्रधर समारोह का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा कि असम और छत्तीसगढ़ के बीच गहरा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध है। ब्रिटिश काल में इस प्रदेश से अनेक लोग असम गए थे। जैसे असम में संत श्रीमंत शंकरदेव ने साहित्य और कला के संरक्षण के प्रयास किए, वैसे ही रायगढ़ की धरती से महाराज चक्रधर ने शास्त्रीय संगीत और नृत्य की परंपरा को नई दिशा दी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि असम में राजा चक्रधर सिंह की स्मृति में विशेष पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

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रायगढ़ घराने की विश्वव्यापी पहचान

राज्यपाल ने कहा कि रायगढ़ की धरती भारतीय शास्त्रीय कला और संस्कृति की अनमोल धरोहर है। रायगढ़ घराने की छाप न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी स्पष्ट है। राजा चक्रधर सिंह ने कथक नृत्य को नई ऊँचाइयाँ प्रदान कीं और अपनी कृतियों नर्तन सर्वस्व, तालतोय निधि और राग रत्न मंजूषा के माध्यम से संगीत और नृत्य को समृद्ध किया। उन्होंने कहा कि कला जीवन को संवेदनशील बनाती है और आधुनिकता की दौड़ में जब लोग संस्कृति से दूर हो रहे हैं, तब ऐसे आयोजन हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं। रायगढ़ का नाम लेते ही संगीत की मिठास, नृत्य की लय और कला के रंग जीवंत हो उठते हैं। यही वह धरती है जहाँ बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई, हरिप्रसाद चौरसिया की बाँसुरी और पं. जसराज जैसे महान कलाकारों की स्वर लहरियाँ गूँजती रही हैं।

संस्कृति की विविधता में एकता

समारोह के शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत उसकी विविधता में एकता है। आदिकाल से ही संगीत, नृत्य और साहित्य राजाओं के आश्रय में पल्लवित होते रहे हैं और इन्हीं परंपराओं ने भारत को विश्वपटल पर नई पहचान दी है। उन्होंने राजा चक्रधर सिंह को नमन करते हुए कहा कि जब कथक में केवल जयपुर और बनारस घराने ही प्रसिद्ध थे, तब रायगढ़ घराने की स्थापना कर उन्होंने भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया।

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शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ नक्सलवाद की छवि से मुक्त होकर संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है। जिस प्रदेश को कभी पिछड़ेपन की दृष्टि से देखा जाता था, वही आज अपनी लोककलाओं और पर्यटन स्थलों के कारण विश्व स्तर पर पहचाना जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी दस दिनों तक रायगढ़ सांस्कृतिक रंगों से सराबोर रहेगा और देश-विदेश से आए कलाकार अपनी कला के माध्यम से इस ऐतिहासिक आयोजन को और भव्य बनाएँगे।

सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान

वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि चक्रधर समारोह को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। रायगढ़ में विकास कार्यों को गति मिल रही है, जिससे इसकी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान और सुदृढ़ हो रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से भोरमदेव मंदिर सहित अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के विकास के लिए विशेष राशि आवंटित की गई है।

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आदिवासी राजा की गौरवशाली परंपरा

राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह ने विधिवत प्रशिक्षण देकर रायगढ़ घराने को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिष्ठा दिलाई। विशेष रूप से यह तथ्य ऐतिहासिक महत्व रखता है कि एक गोंड आदिवासी राजा द्वारा कथक नृत्य को इस ऊँचाई तक पहुँचाना भारतीय इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है।

रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया ने कहा कि इस भव्य आयोजन से रायगढ़ की प्रतिष्ठा और बढ़ रही है और यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान मिल रही है।

जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति

चक्रधर समारोह के अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, कृषि मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री रामविचार नेताम, संस्कृति मंत्री राजेश अग्रवाल, लोकसभा सांसद कमलेश जांगड़े, सांसद रूपकुमारी चौधरी, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, रायगढ़ नगर निगम के महापौर जीववर्धन चौहान सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में दर्शकगण उपस्थित रहे।