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करमा महोत्सव हमारी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा का प्रतीक: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

जशपुर जिले के कण्डोरा में आयोजित सोहरई करमा महोत्सव 2025 में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रौतिया समाज के कार्यक्रम में शामिल होकर 1.45 करोड़ की विकास घोषणाएँ कीं, करम पूजा में शामिल होकर परंपरागत नृत्य भी किया।

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नरकासुर वध और छोटी दीपावली: असुरता पर दिव्यता की विजय का पर्व

भारतीय संस्कृति में छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी केवल पौराणिक कथा नहीं, बल्कि आंतरिक प्रकाश और आत्मशुद्धि का संदेश है। जानिए कैसे श्रीकृष्ण और सत्यभामा द्वारा नरकासुर वध की कथा मानव जीवन में अंधकार से प्रकाश की यात्रा का प्रतीक बनती है।

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जानिए दीपावली 2025 की तिथि, शुभ लक्ष्मी पूजा मुहूर्त, पूजा विधि

दीपावली, जिसे ‘दीवाली’ भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा और पवित्र त्योहार है। यह अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है।

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ग्राम बाघमार में होगा 5 से 7 दिसंबर तीन दिवसीय कंगला मांझी महोत्सव, चयनित विभूतियों को किया जाएगा सम्मानित

बालोद जिले के ग्राम बाघमार में 05 से 07 दिसंबर 2025 तक पारंपरिक कंगला मांझी महोत्सव का आयोजन होगा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित विभूतियों को कंगला मांझी, लतीफ घोघी, नारायण चंद्राकर और अन्य सम्मान प्रदान किए जाएंगे।

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स्वास्थ्य और समृद्धि का संगम धनतेरस

धनतेरस का पर्व केवल सोना-चांदी की खरीदारी का नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, संतुलन और आयुर्वेद की परंपरा का उत्सव है। भगवान धन्वंतरि की आराधना के माध्यम से यह दिन हमें सिखाता है कि सच्चा धन शरीर और मन की समृद्धि में है।

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मुख्यधारा में लौटे माओवादी कैडर, बस्तर में शांति, विश्वास और विकास की नई सुबह : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

बस्तर में 210 नक्सलियों ने “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” कार्यक्रम के तहत आत्मसमर्पण कर लोकतंत्र और संविधान को अपनाया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा— यह बस्तर में शांति, विश्वास और विकास के नए युग की शुरुआत है।

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