धर्मांतरण विरोधी आंदोलन के नायक स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की कहानी
स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती ने वनवासी क्षेत्रों में सक्रिय ईसाई मिशनरियों और माओवादी तत्वों के खिलाफ कार्य किया, जिससे उनके ऊपर कई बार हमले हुए। 23 अगस्त 2008 को, स्वामी जी और उनके चार शिष्यों की निर्मम हत्या कर दी गई, जिसे ईसाई मिशनरियों और माओवादियों का षड्यंत्र माना गया। स्वामी जी ने लगभग चालीस वर्षों तक वनवासियों के मतान्तरण और माओवादी गतिविधियों के विरुद्ध संघर्ष किया, जिसके कारण उन्हें कई बार धमकियों और हमलों का सामना करना पड़ा।
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